नई दिल्लीः भारत एजेस बाउल साउथेम्प्टन में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी दूसरी पारी में एक भी अर्धशतक बनाने में सफल नहीं हो पाया। बैटिंग बहुत लचर रही, अभ्यास की कमी साफ दिखी और 8 विकेट से मिली हार ने अंत में सब कुछ कह दिया।
2018 में लॉर्ड्स टेस्ट के बाद पहली बार ऐसा हुआ था जब एक भी भारतीय बल्लेबाज एक पारी में अर्धशतक तक पहुंचने में नाकाम रहा था।
भारत का अनुभवी भारतीय बल्लेबाजी क्रम अपनी दूसरी पारी में 170 रन पर ढेर हो गया। विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत (41) भारत के लिए शीर्ष स्कोरर थे। रोहित शर्मा (30) दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे और इन दोनों के अलावा किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने 20 रन का आंकड़ा पार नहीं किया।
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न्यूजीलैंड के लिए टिम साउदी (4/48) और ट्रेंट बोल्ट (3/39) गेंदबाजों में से एक थे। काइल जैमीसन (2/30) और नील वैगनर (1/44) की जोड़ी ने भी महत्वपूर्ण प्रहार किए।
असल में भारत को साफतौर पर प्रैक्टिस की कमी खेली लेकिन विराट कोहली इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थे। हालांकि उन्होंने मैच के बाद कहा कि बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल फिर भी ठीक रहता क्योंकि पलटवार का मौका मिलता। ऐसा करके उन्होंने खुद ही प्रैक्टिस की अहमियत जता दी है।
भारतीय बैटिंग बहुत ही निराशाजनक रही और अंजिक्य रहाणे पहली पारी में 49 रन बनाकर सर्वोच्च स्कोरर रहे। भारत के बल्लेबाजों ने विकेट पर धीमा खेलने की रणनीति बनाई जो किसी काम की नहीं थी। पंत भी तब तक अच्छे लगे जब तक वे असली अंदाज में खेल रहे थे। मुश्किल विकेटों पर अक्सर काउंटर अटैक काम आते हैं लेकिन भारत की खूंटागाड़ रणनीति ने शायद ही उनका बेड़ा-पार कराया हो।