नई दिल्लीः चेतेश्वर पुजारा ने वैसे तो आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में अच्छे रन बनाए हैं लेकिन वे उन मैचों में रन बनाने में असफल साबित हुए जहां पर भारत को जीत मिली। अक्सर पुजारा का महिमामंडन एक ऐसे खिलाड़ी के तौर पर होता है जो एक छोर पर गेंदबाजों के प्रहार झेलकर बाकी के बल्लेबाजों को खुलकर रन बनाने का मौका देता है और भारत अच्छा स्कोर करके मैच जीत जाता है। कुछ हद तक यह धारणा सही भी है लेकिन जब बात खुद के बल्ले से रन निकलने की आती है तो पुजारा सबसे पीछे हो जाते हैं।
क्योंकि भारत को जिन मैचों में जीत मिली है वहां पुजारा ने टॉप फाइव भारतीय बल्लेबाजों में सबसे कम रन बनाए हैं। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण में 18 मैच खेलकर 841 रन बनाने वाले पुजारा भारत की जीत वाले मैचों में केवल 460 ही रन बना पाए। इस पैमाने पर विराट कोहली भी चौथे नंबर पर हैं। कोहली ने वैसे तो डब्ल्यूपीसी के पहले सीजन में पहले संस्करण में 15 मैच खेलकर 934 रन बनाए लेकिन भारत की जीत के मैचों में उनके नाम 678 रन ही हैं।
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आजकल टेस्ट क्रिकेट में मौका नहीं पा रहे मयंक अग्रवाल 12 टेस्ट मैचों में 857 रन बनाने में कामयाब रहे लेकिन जब बात भारत की जीत में मयंक के रनों की आती है तो यह काफी अच्छे हैं जो कि 729 हैं। हालांकि शुबमन गिल ने मयंक अग्रवाल की जगह ले ली है लेकिन पंजाब के बल्लेबाज की लगातार असफलता ने कर्नाटक के मयंक अग्रवाल को फिर से इंग्लैंड दौरे पर मौका देने के लिए प्रेरित कर दिया है।
भारत के लिए जीत में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी अजिंक्य रहाने हैं जिन्होंने 935 रन डब्ल्यूपीसी मैचों में अपनी टीम को जिताते हुए बनाएं। इसके अलावा रहाणे ओवरऑल डब्ल्यूपीसी के पहले सीजन के मैचों में 1159 रन बना चुके हैं जो कि 18 मैचों में आए हैं इस लिस्ट में नंबर दो पर हिटमैन रोहित शर्मा का नाम आता है जिन्होंने ओवरऑल डब्लूटीसी मुकाबलों में 12 मैच के दौरान 1094 रन बनाएं तो वहीं जीत के मैचों में उनका योगदान 934 रनों का रहा।
फिलहाल ये सभी खिलाड़ी इंग्लैंड में छुट्टियों का लुत्फ उठाएंगे क्योंकि भारत को अब अगला मुकाबला 4 अगस्त को खेलना है जो कि मेजबानों के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच होगा।