नई दिल्ली। भारतीय महिला टीम के कोच डब्ल्यू रमन जिनका कार्यकाल अब खत्म हो रहा है और उनकी जगह रमेश पोवार अब भारतीय महिला टीम के कोच होंगे। लेकिन अपना कार्यकाल खत्म से पहले रमन ने आरोप लगाया है कि मुझे बदनाम करने के लिए मेरे खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। रमन ने बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली को इस बाबत एक पत्र लिखा है और अपील की है कि इसे रोका जाए। रमन ने नेशनल क्रिकेट अकादमी के मुखिया राहुल द्रविड़ को भी एक ई मेल के जरिए पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि अगर बतौर कोच मेरी उम्मीदवारी को मेरी अक्षमता के अलावा किसी और वजह से खारिज किया गया है तो यह बहुत ही निराशाजनक है।
बता दें कि क्रिकेट एडवॉयजरी कमेटी ने रमन को भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच के तौर पर नियुक्त नहीं किया बल्कि उनकी जगह रमेश पोवार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके बाद पत्र लिखकर रमन ने कहा कि मैं ऐसा मानता हूं कि संभव है कि मेरे काम करने के तरीके और नियमों को लेकर गलत राय दी गई है। ऐसे में क्या इस राय का बीसीसीआई के अधिकारियों पर हुआ और इसका परिणाम कोच के चयन में हुआ है। जरूरी है कि मेरे खिलाफ गलत अभियान चलाया गया है जिसमे कुछ बीसीसीआई के अधिकारी भी शामिल हैं, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। मैं किसी भी तरह की सफाई इस पूर मामले में देने के लिए तैयार हूं।
रमन ने कहा कि अगर मेरा आवेदन क्षमता के आधार पर रद्द किया गया है तो इसमे कोई बहस वाली बात नहीं है, लेकिन यह बहुत ही निराशाजनक बात होगी अगर मेरा आवेदन किसी और वजह से रद्द हुआ है। हालांकि रमन के पत्र में किसी व्यक्ति विशेष नाम का उल्लेख नहं है लेकिन माना जा रहा है कि वह टीम में स्टार कल्चर को लेकर नाखुश हैं। रमन ने पत्र में कहा मेरे 20 साल के कोचिंग करियर में मैंने हमेशा इस तरह का माहौल बनाने की कोशिश की है कि टीम हमेशा पहले आए और किसी भी व्यक्तिगत खिलाड़ी को खेल और टीम से ऊपर वरीयता नहीं दी जाए।