सस्ते में हुए आउट
जायसवाल को लेकर टूर्नामेंट से पहले ही खूब बातें हो रहीं थी। सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टाॅस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला लिया। राजस्थान की ओर से ओपनिंग के लिए स्टीव स्मिथ के साथ जायसवाल उतरे। जायसवाल में आत्मविश्वास दिखा, लेकिन तीसरे ओवर में ही वह 6 गेंदों में 1 चाैका लगाकर 6 रन पर आउट हो गए। तीसरे ओवर में दीपक चाहर ने शाॅट गेंद फेंकी जिसपर जायसवाल हिट करने की कोशिश में कैच थमा बैठे। जायसवाल भले ही सस्ते में आउट हो गए, लेकिन ये अभी उनकी शुरूआत है। वह की गई गलतियों का आंकलन करेंगे।
मुश्किल दाैर से गुजरे यशस्वी
18 साल के जायसवाल का एक समय ऐसा भी था जो किसी को भी मोटिवेट करने के लिए काफी है। बुरे वक्त का सामना करना कैसे आगे बढ़ना, ये सब यशस्वी ने बढ़ते समय के साथ-साथ अच्छे से सीख लिया। जब वह 2012 में मुंबई आए, तब वह सिर्फ 11 साल का थे और शहर में रहने के लिए कहीं जगह नहीं थी। अपना अधिकांश समय क्रिकेट में लगाने वाले यशस्वी को एक डेयरी की दुकान में सोने के लिए जगह दी गई थी जहां से उन्हें जल्द ही बाहर निकाल दिया गया। बाद में उन्हें आजाद मैदान के मैदान में मुस्लिम यूनाइटेड क्लब के टेंट में मैदानकर्मियों द्वारा शरण दी गई थी। जयसवाल के लिए स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ।
भूखे पेट तम्बू में गुजारी रातें
इसके बाद यशस्वी के पास पैसे की कमी हुई तो वह कमाने लग पड़े। रात को कई बार भूखे पेट ग्राउंड में लगे टेंट में ही सो जाते थे। इसका जिक्र उन्होने हाल ही में करते हुए कहा था, ''मैं सिर्फ क्रिकेट खेलना चाहता था और मैं मुंबई के लिए खेलना चाहता हूं। मैं एक टेंट में रहता था और वहां बिजली, वॉशरूम या पानी की कोई सुविधा नहीं थी। रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए, मैंने एक खाद्य विक्रेता के साथ काम करना शुरू कर दिया। कई बार मुझे बुरा महसूस होता। लेकिन यह आवश्यक था।"