अपने दम पर खेला क्रिकेट
उनसे पूछा गया कि क्या विदाई मैच ना मिलने का दुख रहेगा तो युवराज ने कहा कि इसका कोई मलाल नहीं क्योंकि मैंने जितनी भी क्रिकेट खेला, वो अपने दम पर खेला है। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने दम पर क्रिकेट खेला है। किसी की सिफारिश से आगे नहीं बढ़ा। संन्यास लेने का फैसला कड़ा था, लेकिन हर क्रिकेटर की जिंदगी में ये पल आता है। मैंने सिर उठाकर संन्यास लिया है। मैदान से विदाई होती तो जरूर बेहतर होता, लेकिन ये हो नहीं पाया।'
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कुछ मलाल है, समय पर करूंगा खुलासा
युवराज ने इसके अलावा आईसीसी विश्व कप में भारतीय टीम के थिंक टैंक और सेलेक्शन कमेटी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने इंग्लैंड में हुए विश्व कप से पहले यो-यो टेस्ट पास किया था, लेकिन उन्हें टीम में फिर भी नहीं चुना गया। इसपर युवराज ने कहा कि उन्हें क्यों नहीं चुना गया ये सवाल आपको बीसीसीआई और भारतीय कप्तान से करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'इसका जवाब मेरे पास नहीं है। आपको इसका सही जवाब बीसीसीआई या भारतीय कप्तान से पूछना चाहिए कि आखिर उनकी क्या सोच थी।' मैंने काफी क्रिकेट खेला और हां मेरी जिंदगी में कुछ मलाल है, जिसका खुलासा सही समय पर करूंगा।
एक मलाल का किया खुलासा
युवराज ने अपनी जिंदगी से जुड़े एक मलाल का खुलासा जरूर किया। उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात का मलाल जरूर है कि खिलाडि़यों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं हुआ। जब मैंने वापसी की तो 4 या 5 मैचों में करीब 800 रन बनाकर दिए। आपने मुझे टीम से बाहर कर दिया। फिर आपने एक साल नंबर-4 के लिए अंबाती रायुडू को आजमाया। विश्व कप से पहले वह एक दौरे पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका तो आपने उसे भी बाहर कर दिया। फिर आपने ओपनर केएल राहुल को नंबर-4 पर बल्लेबाजी कराई। फिर दिनेश कार्तिक को मौका दिया। कार्तिक ने कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया तो उसे हटाकर रिषभ पंत को मौका दे दिया।'