इस बात का पछतावा है युवराज को
टाइम्स नाउ से बात करते हुए युवराज सिंह ने कहा कि उन्हें भारत के लिये ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेल पाने का पछतावा है।
उन्होंने कहा, 'जब मैं पीछे देखता हूं तो मुझे लगता है कि मुझे टेस्ट क्रिकेट खेलने का और मौका मिलना चाहिए था। उस समय सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली जैसे स्टार क्रिकेटर थे ऐसे में टेस्ट टीम में जगह बनाना मुश्किल था। मुझे मौका तब मिला जब सौरव गांगुली रिटायर हुए, लेकिन इसके बाद मुझे कैंसर का पता चला और मेरी जिंदगी अलग मोड़ पर चली गई।'
फैन्स का रहूंगा शुक्रगुजार
उन्होंने कहा, 'अनुभव, अच्छे या बुरे, आपके बढ़ने और सीखने में मदद करते हैं और मैं उन्हें चेरिश करता हूं। अपने शुरुआती दिनों से लेकर 2011 वर्ल्ड कप, कैंसर के खिलाफ जंग और फिर क्रिकेट में वापसी तक मैंने जिंदगी में काफी कुछ देखा और इन अनुभवों से मैं वो इंसान बना हूं जो मैं आज हूं। मैं अपने परिवार, दोस्तों, साथी खिलाड़ियों और फैन्स का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया और हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाया।'
देश के लिये खेलने पर है गर्व
युवी ने आगे कहा, 'कोई बात नहीं, मैं खुश हूं अपनी क्रिकेट जर्नी से और इस बात का गर्व है कि मैं अपने देश के लिए खेल सका।'
आपको बता दें कि अपने करियर के दौरान युवराज सिंह ने भारत के लिए सिर्फ 40 टेस्ट मैचों में शिरकत की है,जिसमें उन्होंने 33.92 की औसत से 1,900 रन बनाए। युवी के खाते में टेस्ट में तीन सेंचुरी और 11 हाफ सेंचुरी दर्ज हैं।