नई दिल्ली। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने क्रिकेट के मैदान में विराट कोहली की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय कप्तान 30 साल की उम्र में ही एक महान खिलाड़ी बन गया है। 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद, विराट कोहली ने अपने क्रिकेट करियर में कई उपलब्धियां हासिल कीं। 2013-14 सीजन में कोहली खास नहीं कर सके थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने टीम की कप्तानी संभालकर सभी चीजों को समझा। पिछले एक दशक में, कोहली सक्रिय क्रिकेटरों में सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। वह तीनों प्रारूपों में 50 से अधिक का औसत रखने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं।
युवराज का मानना है कि जब से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाई है। युवराज ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ''विराट ने बोर्ड का ध्यान अपनी ओर खींचा। जैसे ही उन्हें खेलने का मौका मिलता तो इसे उन्होंने हाथ से नहीं जाने दिया। इस तरह उन्होंने 2011 विश्व कप में जगह बनाई। वह उस समय बहुत छोटे थे। और उनका मुकाबला रोहित के बीच था। उस समय विराट रन बना रहे थे। यही वजह है कि विराट को जगह मिली थी।"
IND vs SL : दीपक चाहर ने बनाए 4 बड़े रिकॉर्ड, अजीत अगरकर को छोड़ा पीछे
उन्होंने आगे कहा, "मैंने उसे अपने सामने बढ़ते और निखरते हुए होते देखा है। वह अनुशासन से ट्रेनिंग करता था। जब वह रन बना रहा था, तो आप देख सकते थे कि वह कोई है जो दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनना चाहता है। उनका ऐसा रवैया था। उसके पास वह स्वैग है।" युवराज ने यह भी कहा कि भारतीय टीम की कप्तानी करने की जिम्मेदारी कोहली के खेल को प्रभावित नहीं करती है। युवराज ने कगा, "वह बहुत रन बना रहा था और फिर कप्तान बन गया। कभी-कभी आप फंस जाते हैं, लेकिन जब वह कप्तान बने तो उननका खेल और भी बेहतर हो होता गया। लगभग 30 साल की उम्र में उसने बहुत कुछ हासिल किया है। लोग रिटायर होने पर लीजेंड बन जाते हैं, लेकिन कोहली 30 साल की उम्र में ही महान बन गया। उन्हें एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होते देखना वाकई बहुत अच्छा था। उम्मीद है उनका करियर बड़े स्तर पर जाकर खत्म होगा, क्योंकि उसके पास अभी बहुत समय है।"