कुलदीप-चहल अब एक साथ क्यों नहीं खेल पाते-
कुलदीप और चहल एक साथ खेलते थे तो भारत को काफी अच्छी सफलता मिल रही थी क्योंकि दोनों स्पिनर बीच के ओवरों में विपक्षी बल्लेबाजों को आउट करने में सफल रहते थे। धीरे-धीरे इस स्पिन जोड़ी की लोकप्रियता बढ़ती गई और प्रशंसकों ने इसको नाम दिया 'कुलचा'। स्पोर्ट्स तक के साथ एक इंटरव्यू में जब चैनल से यह पूछा गया कि वे और कुलदीप अब एक साथ क्यों नहीं खेल पाते हैं तो 30 साल के स्पिनर का जवाब सीधा सपाट था। उन्होंने कहा कि टीम का संयोजन कहीं अधिक महत्वपूर्ण है जिसमें कुलदीप और चहल एक साथ फिट नहीं बैठते हैं। कुलदीप यादव ने रवींद्र जडेजा का नाम लेते हुए कहा कि उनकी टीम में वापसी की वजह से कुलचा को एक साथ जगह नहीं मिल पाती है।
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चहल ने कहा- जडेजा की वापसी ने रास्ते बंद किए
चहल इस बारे में बात करते हुए आगे कहते हैं कि जब हार्दिक पंड्या प्लेइंग इलेवन में खेलते थे तो कुलदीप और वे नियमित तौर पर खेलते थे क्योंकि हार्दिक एक सीम गेंदबाजी ऑलराउंडर थे। हालांकि जब हार्दिक को पीठ में चोट लगी तो रविंद्र जडेजा की सफेद गेंद फॉर्मेट में बतौर ऑलराउंडर एंट्री हो गई। यहां पर खेल यह था कि हार्दिक जहां सीम ऑराउंडर थे तो वही जडेजा एक स्पिन ऑलराउंडर हैं। जडेजा के स्पिन करने की वजह से कुलदीप और चहल का एक साथ खेलने का पत्ता साफ हो गया क्योंकि ऐसे में टीम के पास तीन स्पिनर हो जाते हैं।
'दुर्भाग्य से जडेजा एक स्पिनर हैं, पेसर होते तो हम खेलते'
युजवेंद्र चहल का मानना है कि जब तक टीम जीत रही है वह खुश हैं भले ही वह टीम का हिस्सा हो या फिर ना हो। चहल ने कहा, "जब कुलदीप यादव और मैं खेला करते थे हार्दिक पंड्या टीम में थे और वह गेंदबाजी करते थे। 2018 में हार्दिक पंड्या को चोट लगी और रविंद्र जडेजा की वापसी हुई वह एक ऑलराउंडर के तौर पर टीम में आए जो नंबर 7 पर बैटिंग कर सकते थे। दुर्भाग्य से वह एक स्पिनर हैं और हम एक साथ केवल तभी खेल सकते हैं जब जडेजा एक मीडियम पेसर होते। टीम की यही जरूरत थी।"
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कुलचा नहीं बल्कि 11 खिलाड़ी टीम को बनाते हैं- चहल
चहल आगे कहते हैं, "कुलदीप और उनको आधे आधे मैच खेलने का मौका मिला। कई बार वे तीन मैच खेलते हैं तो कभी मेरा खेलने का मौका आ जाता है। जब भी टीम के संयोजन को जरूरत पड़ती पड़ती है तो वह मौजूद रहते हैं।" चहल का कहना है कि प्लेइंग इलेवन टीम को बनाता है ना कि कुल्चा।
"हार्दिक पंड्या जब टीम में थे तो हमको मौके मिलते रहते थे। टीम की जरूरत यह थी कि नंबर 7 पर कोई ऑलराउंडर खेल सके। मैं खुश हूं अगर मैं टीम में नहीं हूं लेकिन टीम जीत रही है। युजवेंद्र चहल खराब दौर से गुजर रहे हैं क्योंकि आईपीएल 2021 में भी वे कमाल नहीं दिखा पाए। उन्होंने सात मैचों में केवल 4 विकेट के लिए और वे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।