नई दिल्ली: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने इंडोनेशिया में होने वाले एशियाई खेलों में खेलने की राष्ट्रीय टीम को स्वीकृति नहीं मिलने के बाद आईओए के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय फुटबॉल संघ के चेयरमैन ने एशियाई खेलों में भारत की फुटबॉल टीम न भेजने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की तरफ से इसको लेकर कोई आधिकारिक पत्र नहीं आया है कि हमें एशियाई खेलों में भाग नहीं लेना है। इसके बारे में मीडिया से पता चला।'
कुशल दास ने कहा, 'इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है और ये केवल मौखिक है। हालांकि ये बहुत निराशाजनक है और इसके पीछे के कारणों को जानना चाहूंगा कि आखिर ऐसा क्यों किया गया है। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि किस आधार पर ऐसा किया जा रहा है।'
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उन्होंने आगे कहा कि अगर ये केवल पिछले 4 सालों के प्रदर्शन के आधार पर कहा जा रहा है तो बहुत दुख की बात है क्योंकि पिछले 2 सालों में टीम ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया है। अगर कुछ ऐसा था तो इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को एक बार बात करनी चाहिए थी। बता दें कि अगर ऐसा होता है तो 1994 में हिरोशिमा खेलों के बाद यह पहला मौका होगा जब भारतीय फुटबॉल टीम एशियाई खेलों में दिखाई नहीं देगी। एशियन गेम्स में फुटबॉल अंडर 23 वर्ग में खेला जाता है जिसके लिए 3 अधिक उम्र के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दी जाती है।
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