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FIFA 2018: फुटबॉल मैन्युफैक्चरिंग में पाकिस्तान, चीन से पीछे है भारत

नई दिल्ली: रूस में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप में अगर भारत, पाकिस्तान और चीन का स्कोर पूछा जाए तो पाकिस्तान 2, भारत 0, चीन 1, भारत 0 होगा। हैरान हो गए न आप कि ये कैसे हो सकता है। दरअसल, यहां किसी मैच में गोल की बात नहीं हो रही है, ये इन देशों के स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स के प्रदर्शन के आधार पर स्कोरकार्ड है। पाकिस्तान को आधिकारिक 'टेलस्टार बॉल' बनाने का सम्मान मिला है, तो वहीं चीन ने भारत को फुटबॉल की सप्लाई के मामले में पछाड़ दिया है।

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चीन ने फुटबॉल की सप्लाई के मामले में भारत को

चीन ने फुटबॉल की सप्लाई के मामले में भारत को

चीन ने यूरोप के देशों में फुटबॉल की सप्लाई के मामले में भारत को पछाड़ दिया है, यहां तक कि वियतनाम ने भी बल्क ऑर्डर के मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया है। ये ऑर्डर प्रमोशन के लिए दिए जाते हैं। जालंधर के फुटबॉल मैन्युफैक्चरर के मुताबिक, अभी तक भारत को दुनिया के सबसे बड़े फुटबॉल महासमर के लिए आधिकारिक बॉल बनाने का सम्मान नहीं मिला है।

भारत के फुटबॉल मैन्युफैक्चरर्स के सामने कई चुनौतियां

भारत के फुटबॉल मैन्युफैक्चरर्स के सामने कई चुनौतियां

रत्तन ब्रदर्स के एक्सपोर्ट डायरेक्टर तिलक खिंडर बताते हैं कि उनके फर्म ने पिछले विश्व कप के दौरान 4,00,000 बॉल्स बनाए थे, जिनमें 80,000 को फीफा ने प्रमोशन और अन्य मौकों पर इस्तेमाल के लिए खरीदा। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस साल महज 20 हजार फुटबॉल बनाने के ऑर्डर ही मिले हैं। भारत के फुटबॉल मैन्युफैक्चरर इस वक्त कई समस्याओं से जूझ रहे हैं जिनमें कुशल कारीगरों का अभाव, इंफ्रास्ट्रक्चर और करेंसी की समस्या शामिल है। जबकि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स रिफंड लगभग खत्म हो गया है। कस्टम ड्यूटी से आने वाला 10.5 फीसदी रिफंड केवल 1 फीसदी तक रह गया है।

पाक को भी मिले हैं इस साल कम ऑर्डर

पाक को भी मिले हैं इस साल कम ऑर्डर

शांत स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज के अमन चोपड़ा बताते हैं कि रूपए का कमजोर होना भी इसका एक प्रमुख कारण है। आज की युवा फुटबॉल सिलने की जगह मॉल में काम करना अधिक पसंद करती है। ऐसे में कुशल कारीगरों की चिंता अलग ही है। जबकि सियालकोट के फुटबॉल मैन्युफैक्चरर का कहना है कि पहले की तुलना में इस बार के ऑर्डर में कमी देखी गई है, इसका कारण मशीनों से फुटबॉल की सिलाई होना है। इस मामले में चीन ने भारत और पाक को पीछे छोड़ दिया है क्योंकि उनके पास ऐसी मशीनों की कमी नहीं है।

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Story first published: Monday, July 2, 2018, 14:19 [IST]
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