नई दिल्ली। पहले मैच में पेरू को 1-0 से हराकर विश्व कप का विजयी आगाज करने वाली डेनमार्क की टीम ग्रुप स्तर में फ्रांस के बाद दूसरे स्थान पर है। गुरुवार को जब डेनमार्क की टीम ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी तो उसका लक्ष्य नॉकआउट में जगह बनाने का होगा।
ग्रुप सी के इस मुकाबले में डेनमार्क का पलड़ा भारी माना जा रहा है। अपने पहले मैच में पेरू को 1-0 से हराकर विश्व कप का विजयी आगाज करने वाली डेनमार्क ग्रुप स्तर में फ्रांस के बाद दूसरे स्थान पर है। फ्रांस और डेनमार्क के बराबर अंक हैं। डेनमार्क केवल गोल स्तर के कारण पीछे है। ऐसे में अगर डेनमार्क की टीम ऑस्ट्रेलिया को हराने में कामयाब होती है, तो वह अंतिम-16 दौर में अपना स्थान लगभग पक्का लेगी।
टोटेनहम होत्सपुर के मिडफील्डर एरिक्सन ने डेनमार्क के क्वालीफाइंग अभियान के दौरान 11 गोल दागे थे और ऐज हरेडे की टीम के लिये वह सबसे बड़ा खतरा होंगे। लेकिन फ्रांस के खिलाफ पेनल्टी स्पाट से गोल करने वाले जेडिनाक का कहना है कि अनुशासित प्रदर्शन में सुधार आस्ट्रेलियाई टीम के लिये अहम होगा। उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि वह शानदार खिलाड़ी है और निश्चित रूप से वह उनके लिये अहम भूमिका निभायेगा।' डेनमार्क अब तक केवल तीन बार अंतिम-16 में पहुंचा है। उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन 1998 में रहा, जब उसने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था।
पिछले मैच में डेनमार्क के डिफेंस ने अच्छा काम किया था। उसने पेरू को एक भी गोल दागने नहीं दिया। इसमें टीम के गोलकीपर कैस्पर इश्माइकल ने अहम भूमिका निभाई थी और अगले मैच में भी उसका डिफेंस इसी फॉर्म में नजर आने की उम्मीद है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेनमार्क के गोल पोस्ट तक पहुंचना उसी तरह मुश्किल होगा, जिस तरह पेरू के लिए रहा। ऑस्ट्रेलिया को अपने पहले मैच में फ्रांस से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में उसका डिफेंस कमजोर नजर आ रहा था। ऑस्ट्रेलिया का डिफेंस गुरुवार के मैच में भी कमजोर रहा तो डनमार्क ऐसे मौकों को खराब नहीं करेगा।
डेनमार्क vs ऑस्ट्रेलिया - 05:30PM - समेरा