मॉस्को। काफी उतार चढ़ाव के बाद प्री-क्वार्टरफाइनल में पहुंची अर्जेंटीना की टीम शनिवार को फ्रांस से भिड़ेगी। ग्रुप स्टेज में अपना पहला मैच आइसलैंड के साथ ड्रॉ खेलने के बाद उसे क्रोएशिया के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। उसके बाद लगा कि अर्जेंटीना नॉकआउट की दौड़ से लगभग बाहर हो जाएगी। हालांकि नाइजीरिया के खिलाफ किसी तरह अर्जेंटीना 2-1 से जीतने में कामयाब रही और करोड़ों फैंस की उम्मीदों को जिंदा रखा।
गौरतलब है कि फीफा वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज के मुकाबले खत्म होने के बाद अब बारी नॉक-आउट राउंड की है जिसका आगाज शनिवार को अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच मुकाबले के साथ होगा। अर्जेंटीना की टीम जहां दो बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी है वहीं फ्रांस ने भी एक बार खिताब अपने नाम किया है। इस बार दोनों ही टीम नॉक आउट राउंड में तो जरूर पहुंची है लेकिन उनका खेल उनकी ख्याति के मुताबिक नहीं रहा है। मौजूदा उपविजेता टीम अर्जेंटीना 1978 और 1986 में फुटबॉल का सबसे बड़ा खिताब जीत चुकी है। वहीं फ्रांस 1998 में वर्ल्ड कप चैंपियन रह चुका है। ऐसे में दोनों ही टीमों के फैंस के लिए कल का मैच कांटे की टक्कर होने वाला है।
जहां फ्रांस की टीम ने अपने तीन लीग मैचों में दो में जीत हासिल की और एक मुकाबला ड्रॉ किया वहीं अर्जेंटीना ने केवल एक मैच जीता, एक में बुरी तरह हार गया और एक मुकाबला ड्रॉ खेला। बड़ी उम्र के खिलाड़ियों और टीम में असतंलुन अर्जेंटीना के लिए समस्याएं हैं और यह सब ग्रुप राउंड में क्रोएशिया के खिलाफ मुकाबले में साफ साफ दिखा जब अर्जेंटीना को 0-3 की शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा। हालांकि इस साउथ अमेरिकी टीम के लिए अच्छी बात यह रही कि मेसी ने पिछले मुकाबले में नाइजीरिया के खिलाफ अपना खाता खोलते हुए टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई जो अर्जेंटीना के लिए एक शुभ संकेत हैं।
अर्जेंटीना और फ्रांस इससे पहले 11 अंतरराष्ट्रीय मैचों में आमने-सामने हुई हैं। इसमें से छह बार अर्जेंटीना ने जीत हासिल की है, जबकि फ्रांस 2 बार ही कामयाब हो पाया है। इसके साथ ही दोनों के बीच 3 मैच ड्रॉ भी रहे हैं। दूसरी तरफ अर्जेंटीना ने पिछले 11 मैचों में से आठ में फ्रांस के खिलाफ एक भी गोल नहीं खाया है। अगर इन आंकड़ों की मानें तो कल अर्जेंटीना के फैंस को खुश होना चाहिए। दूसरी तरफ फ्रांस की टीम अब तक अपराजेय रहने के बाद सुस्त दिखी है।
स्ट्राइकर एंटोइन ग्रिजमैन अब तक अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म हासिल करने में नाकाम रहे हैं और मिडफील्ड में टीम की रचनात्मकता अब तक नजर नहीं आई है। फ्रांस के पूर्व फुटबॉलर मार्सल डिसाइली ने ब्रिटिश अखबार द गार्जियंस से कहा है कि मेसी अर्जेंटीना की ताकत से ज्यादा उसके लिए एक समस्या बन गए हैं। उनका मानना है कि बार्सिलोना क्लब के लिए खेलने वाले मेसी और अर्जटीना के लिए खेल रहे मेसी में काफी अंतर है। उधर दिदिएर डेसचैंप्स की फ्रांसीसी टीम विश्व कप खिताब के प्रबल दावेदारों में से एक है। हालांकि टीम के दिग्गज स्ट्राइकर एंटोनी ग्रीजमैन अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखा पाने में नाकाम रहे हैं। यानी अब समय उनके लिए भी करो या मरो का है।
अर्जेंटीना टीम के कोच साम्पोली की रणनीति पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस विश्व कप में अर्जेंटीना के कोच जॉर्ज साम्पोली की रणनीति किसी को समझ में नहीं आ रही है। अर्जेंटीना के दूसरे सबसे काबिल खिलाड़ी और भविष्य के मेसी कहे जाने वाले पॉलो डायबाला को लगातार बेंच पर उनके द्वारा बिठाने का फैसला किसी को समझ नहीं आया है। पिछले मुकाबले में साम्पोली ने गोंजालो हिंगुएन को मैच में उतारा जिनकी टीम उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं। टीम में 24 वर्षीय डायबाला जैसे बेहतरीन खिलाड़ी के होने के बावजूद मैक्सिमिलानो मेजो और इंजो पेरेज से साम्पोली द्वारा शुरुआत कराना भी हैरान करने वाला फैसला था।
प्री-क्वार्टर फाइनल लाइन-अप
30 जून: फ्रांस बनाम अर्जेंटीना, शाम 7.30 बजे