ये कहानी विश्व कप सेमीफ़ाइनल में क्रोएशिया के दूसरे गोल से शुरू होती है.
90 मिनट का खेल पूरा होने तक दोनों टीमें 1-1 गोल की बराबरी पर थीं. मुक़ाबला अतिरिक्त समय तक खिंचा और 108वें मिनट में हेडर से मिले पास पर मारियो मांद्ज़ुकिच ने मौक़ा नहीं गंवाया.
इंग्लैंड के गोलकीपर जॉर्डन पिकफ़ोर्ड भी इस बार गेंद को गोल पोस्ट में जाने से नहीं रोक सके और क्रोएशिया को विजयी बढ़त दिला दी.
दूसरे गोल के साथ क्रोएशिया ने इंग्लैंड को 2-1 से हराकर फ़ाइनल में प्रवेश किया.
मॉस्को के लुज़निकी स्टेडियम में क्रोएशिया के सभी खिलाड़ी एक दूसरे को गले लगाकर जश्न मना रहे थे.
लेकिन कुछ सबसे ज़्यादा उत्साही खिलाड़ी खुशी-खुशी में मैदान के कोने की ओर चले गये, जहाँ अक्सर फ़ोटोग्राफ़र बैठते हैं.
फ़ोटोग्राफ़रों के बैठने के लिए कई अन्य जगहों में से एक जगह कॉर्नर के पास होती है ताकि एक ख़ास एंगल से तस्वीरें खींची जा सकें.
यहीं कुर्सी पर सैल्वाडोर के फ़ोटोग्राफ़र यूरी कार्टेज़ बैठे थे. यूरी को समाचार एजेंसी एएफ़पी ने रूस में फ़ीफ़ा विश्व कप कवर करने भेजा है.
एक अख़बार को दिए संक्षिप्त इंटरव्यू में कार्टेज़ ने बताया है कि कैसे उन्होंने क्रोएशिया के खिलाड़ियों को अपनी तरफ आते देखा.
उन्होंने कहा, "जब मैंने खिलाड़ियों को अपनी तरफ आते हुए देखा तो मैंने वाइड एंगल लेंस वाला कैमरा निकाल लिया. मुझे लगा था कि इससे बेहतर क्लोज़-अप तस्वीरें मिल सकेंगी. खिलाड़ियों के चेहरे पर जो जोश था उसे मैं कैमरे में क़ैद कर सकूंगा."
यूरी ने बताया, "मैंने महसूस किया कि मेरी कुर्सी मेरे नींचे से निकल गई. मैं तस्वीरें लेता रहा. तब तक, जब तक सभी खिलाड़ी मेरे ऊपर नहीं आ गये. सभी लोग एक-दूसरे को चूम रहे थे."
यूरी कहते हैं कि उन्हें एक बार को तो लगा कि वो क्रोएशिया टीम के ही 12वें खिलाड़ी हैं.
हालांकि बाद में क्रोएशिया टीम के खिलाड़ियों ने यूरी कोर्टेज़ से इसके लिए माफ़ी भी मांगी और उनसे पूछा कि उन्हें कहीं चोट तो नहीं लग गयी है.
बहरहाल, न चाहते हुए भी यूरी कोर्टेज़ क्रोएशियाई टीम के जश्न का हिस्सा बन गए.
15 जुलाई 2018 को विश्व कप का फ़ाइनल क्रोएशिया और फ़्रांस के बीच खेला जाएगा.
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