नई दिल्ली। फीफा रैंकिंग में तीसरे नंबर पर काबिज बेल्जियम की टीम सोमवार को फुटबॉल वर्ल्ड कप के ग्रुप जी में पनामा के खिलाफ उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन करने उतरेगी। बेल्जियम के कोच रोबर्टो मार्टिनेज अपनी दमदार टीम के मैच का बेसब्री से इंतजार कर रहे है। फुटबॉल में सुनहरे दौर से गुजर रही बेल्जियम में एडेन हेजार्ड और केविन डी ब्रुइन जैसे शानदार खिलाड़ी है, जिनसे रूस में अच्छे प्रदर्शन की अपेक्षा होगी।
बेल्जियम ने विश्व कप से पहले खेले गए फ्रैंडली मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है और कोच रोबटरे मार्टिनेज के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण कर रही टीम अच्छे फॉर्म में है। बेल्जियम की ओर नजर डाली जाए, तो डिफेंस में यानिक करास्को और थोमस मुनिएर अहम खिलाड़ी होंगे, वहीं ईडन हेजार्ड और ड्राइस मर्टेस टीम के अहम खिलाड़ी रोमेलु लुकाकु के साथ पनामा के डिफेंस को भेदने की कोशिश कर गोल स्कोर करने का प्रयास करेंगे। बेल्जियम टीम के डिफेंस में यानिक करास्को और थॉमस मुनिएर अहम खिलाड़ी होंगे।
बेल्जियम के कोच मार्टिनेज का प्लेइंग इलेवन सिस्टम बाकी से अलग माना जाता है। कभी-कभी, बेल्जियम का प्लेइंग XI कोच के फॉर्मेशन की बजाय एक सिस्टम में मजबूर शानदार खिलाड़ियों का एक सेट होता है जो निर्णय लेता है कि कौन क्या करेगा। मार्टिनेज के साथ अपने विवाद के कारण रोमा के राद्जा नाइंगगोलन को विवादित रूप से टीम से बाहर कर दिया गया था। पूर्व एवरटन मैनेजर मार्टिनेज पूरी तरह से अवगत होंगे कि उनकी टीम की कमजोरी क्या है और रूस में प्लान बी होना सुनिश्चित है। 2014 और 2016 में मार्क विल्मोट्स के अंडर में खेल चुकी बेल्जियम मार्टिनेज के साथ पहली बार बड़ी प्रतियोगिता खेल रही है।
दूसरी ओर पहली बार विश्व कप में उतर रही पनामा भले ही अनुभव में पीछे हो, लेकिन आत्मविश्वास से भरी हुई है। वह प्रतिद्वंद्वी टीम को आसानी से हावी नहीं होने देगी। कुछ सप्ताह पहले ही खेले गए एक दोस्ताना मैच में पनामा ने कोस्टा रिका जैसी टीम को 4-1 से मात देकर यह साबित कर दिया था कि वह ग्रुप स्टेज पर अन्य प्रतिद्वंद्वी टीमों के लिए मुकाबला किसी भी तरह से आसान नहीं होने देगी। पनामा के लिए यह मैच उसके फुटबाल इतिहास का सबसे अहम मैच होगा। ऐसे में टीम के अहम खिलाड़ी लोस केनालेरोस इस अवसर को जाया नहीं जाने देंगे।
कहा जाता है कि पनामा अग्ली (गंदा खेल) खेल खेलने में गर्व महसूस करता है और यह कभी-कभी उनकी लिए फायदेमंद हो सकता है। वे अग्ली खेल से विरोधियों को उत्तेजित करके उन्हें विचलित करने की कोशिश करते हैं और जब विपक्षी टीम अपना ध्यान खो देती है तो फिर पनामा काउंटर अटैक करती है। पनामा के खिलाड़ियों की उम्र बढ़ रही है और वे रूस में सबसे ज्यादा औसत आयु वाले खिलाड़ी कहे जा रहे हैं। उनकी प्रणाली को समझना आसान है और जिन्होंने इसे समझा है उसने बुरी तरह हराया है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में 4-0 से हार और स्विट्जरलैंड में 0-6 की हार को इसी तौर पर देखा जा सकता है।
कोलम्बियाई कोच हर्नन डारियो गोमेज, जिन्होंने पहले 1998 में अपने देश को विश्व कप में गाइड किया था और फिर 2002 में इक्वाडोर को, अब वे ही पनामा को कोच कर रहे हैं। हर्नन पीछे की ओर पांच (5-3-2 या 3-5-2) के साथ डिफेंसिव फॉर्मेशन प्लान करते हैं। ये उनका शानदार तरीका लगता है। गोमेज के पास गेब्रियल टोरेस और ब्लास पेरेज में तेजी से आगे बढ़ने का एक पूरा सेट है, जो काउंटर से स्कोर करने में माहिर हैं। अल्बर्टो क्विंटरो भी ऐसे खिलाड़ी हैं जो प्लेमेकर साबित हो सकते हैं। पनामा बहुत जुनून के साथ खेलता है लेकिन उनकी शेलनी की स्टाइल निश्चित रूप से दर्शकों को निराश कर सकती है।
बेल्जियम vs पनामा - 08.30PM - सोची