मॉस्को। फीफा वर्ल्ड कप 2018 के आखिरी क्वार्टर फाइनल मुकाबले में क्रोएशिया की टीम मेजबान रूस से भिड़ेगी। क्रोएशिया 1998 के बाद पहली बार फुटबाल विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के इरादे से उतरेगा। क्रोएशिया स्वतंत्र राष्ट्र बनने के बाद 20 साल पहले का इतिहास दोहराना चाहेगा। साल 1998 में क्रोशिया ने विश्वकप के लिए क्वालीफाई करने के बाद सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था।
मौजूदा विश्व कप में इस बार चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिले हैं लेकिन क्रोएशिया को अंतिम-8 में इससे अच्छा करने का मौका शायद ही मिले। मौजूदा कप्तान लुका मोड्रिच, मारियो और इवान रेकेटिच को वही कमाल करना होगा जो 1998 में डेवर सुकेर, जोमिनेर बोबन और स्लावेन बिलिक ने किया था। तब क्रोएशियाई टीम ने क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराया था। क्रोएशिया ने ग्रुप चरण में अर्जेंटीना जैसे मजबूत दावेदार पर निडर खेल के बूते 3-0 की जीत दर्ज की थी। क्रोएशिया ने नाइजीरिया और आइसलैंड को भी शिकस्त दी और अपने ग्रुप में सबसे मजबूत टीम रही।
क्रोएशिया ने नॉकआउट चरण के पहले मुकाबले में डेनमार्क को पेनल्टी में हराया। जिसके बाद टीम यहां के आत्मविश्वास के साथ पहुंची है। टीम के 16 खिलाड़ी यूरोप के पांच बड़े लीग टीमों में खेलते है। मोनाको के गोलकीपर दानीजेल सुबासिक डेनमार्क के खिलाफ तीन पेनल्टी का बचाव कर नायक बन कर उभरे है।
क्रोएशिया को हालांकि रूस को कमतर आंकना भारी पड़ सकता है। रैंकिंग के मामले में रूस की टीम भले ही वर्ल्ड कप में भाग ले रही टीमों में सबसे निचले पायदान पर हो लेकिन घरेलू दर्शकों के समर्थन से टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है। रूस ने शुरूआती दो मैचों में आठ गोल कर अपने इरादे जाहिर कर दिये थे। उन्होंने प्री - क्वार्टर फाइनल में स्पेन जैसी मजबूत दावेदार का सफर खत्म किया। मैच 1-1 से बराबरी पर छूटने के बाद रूस ने पेनल्टी कार्नर में 4-3 से मैच अपने नाम किया। क्रोएशिया के लिए रूस के समर्थन को भी ध्यान में रखना होगा।