मोहन बागान फुटबाल क्लब के हैतियन स्ट्राइकर सोनी नोर्डे ने खुलासा किया कि उन्हें भारतीय फुटबॉल में पिछले 3 साल के कैरियर में कम से कम 25 बार मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया लेकिन अभी तक प्राइज मनी का एक रुपया भी नहीं मिला है। गौरतलब है कि अगर किसी भी आई-लीग या फेडरेशन कप मैच में मैन ऑफ द मैच चुना जाता है तो एक फुटबॉलर को 10,000 रुपये मिलते हैं।
प्लासिटक का चेक देते हैं स्पान्सरः सोनी
बुधवार (10 मई) को सोनी को फिर से मैन ऑफ द मैच के लिए चुना गया। दरअसल भारत के अग्रणी फुटबॉल क्लब मोहन बागान ने कटक में हो रहे फेडरेशन कप में अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए बुधवार को शिलांग लाजोंग को 3-2 से मात दी। मोहन बागान की तरफ से सोनी नोर्डे ने 27वें मिनट में गोल कर मोहन बागान को बढ़त दिलाई और जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इस जीत से मोहन बागान ने अंतिम चार में अपनी जगह पक्की कर ली है। हालांकि मैन ऑफ द मैच चुने गए सोनी नार्डे को इस बार भी कोई प्राइज मनी नहीं दिया गया। गुरुवार (11 मई) को कटक से फोन पर बात करते हुए सोनी नार्डे ने खुलासा किया कि "भारतीय फुटबॉल में पिछले 3 सालों में मुझे कम से कम 25 बार मैन ऑफ द मैच मिला है। मुझे आयोजकों ने हर बार मैच के अंत बुलाया। मुझे 10,000 रुपये का बड़ा प्लास्टिक का चेक (डमी चेक) सौंपा गया। लेकिन मुझे अभी तक एक रुपया नहीं मिला है।"
फिर भी क्लब के लिए खेलेंगे सोनी
फुटबॉल लीग पर लगे आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया लेने के लिए आई-लीग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनंदा धरने से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि- "यह फेडरेशन के हाथों में नहीं है। मैन-ऑफ-द-मैच का पुरस्कार देने वाला स्पॉन्सर प्राइज मनी का भुगतान करने के लिए भी बाध्य है। यदि ऐसा कोई मामला है तो ऐसे में जिस क्लब का खिलाड़ी है उस क्लब को स्पॉन्सर से अपील करनी चाहिए।" खबरों के मुताबिक मोहन बागान क्लब ने पहले से ही आई-लीग टूर्नामेंट कमेटी मैनेजर को कई बार पत्र भेजे हैं। उन्होंने पिछले तीन सत्रों में नोर्ड द्वारा आई-लीग मैचों में अर्जित की गई पुरस्कार राशि की मांग की है। लेकिन फिर भी सोनी को कोई राशि नहीं मिली है। आपको बता दें कि मोहन बागान आज (12 मई) बेंगलुरू एफसी के खिलाफ अपने अंतिम ग्रुप लीग मैच में खेलेगा। हालांकि अकादमिक हित के होने के बावजूद सोनी ने अपने कोच संजोय सेन से कहा है कि वह मैच में हिस्सा लेना चाहते हैं।