नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और डिफेंडर के रूप में मोहन बगान के लिये खेल चुके सत्यजीत घोष सोमवार को हार्टअटैक के चलते 62 की उम्र में दुनिया को छोड़ गये। सत्यजीत घोष बंदेल में अपने घर पर थे जहां पर उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा। घरवालों ने उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश की लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही वह अपनी आखिरी सांसे ले चुके थे। सत्यजीत घोष के पारिवारिक सूत्रों ने इस बारे में पुष्टि करते हुए जानकारी दी। उनके जाने के बाद परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटी हैं।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया, 'सत्यजीत को बंदेल के देवनंदपुर में स्थित उनके अपने घर में दिल का दौरा पड़ा और अस्तपाल ले जाते हुए रास्ते में उनकी सांसे रुक गई।'
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उल्लेखनीय है कि सत्यजीत घोष ने साल 1980 में अपने करियर की शुरुआत करते हुए रेलवे फुटबॉल क्लब के लिये खेला था और अगले ही सीजन वह मोहन बागान से जुड़ गये। मोहन बगान में खेल के दौरान ही उन्होंने भारत के स्टार डिफेंडर सुब्रत भट्टाचार्य के साथ मजबूत जोड़ी बनाई थी जो कि आगे चलकर काफी मशहूर भी हुई। सत्यजीत घोष ने साल 1985 में नेहरू कप में भारत के लिये अपना पहला मैच खेला था।
सत्यजीत घोष के निधन पर उनके पूर्व जोड़ीदार सुब्रत भट्टाचार्य ने कहा, 'मैं अपने करियर के दौरान कई डिफेंडर के साथ खेला लेकिन सत्यजीत उन सभी में बेस्ट थे। वह अपनी शानदार टैकलिंग और टाइमिंग के लिए जाना जाता था।'
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गौरतलब है कि चोटों के चलते 1986 में मोहन बागान के साथ सत्यजीत घोष का करियर समाप्त हो गया था और वह इसके बाद मोहम्मडन स्पोर्टिंग से जुड़े। घोष 1989 में दोबारा बागान से जुड़े और 1993 में संन्यास लेने तक टीम के साथ रहे।