फ्रांस की मजबूती
फ्रांस की 1998 मे विश्व कप जीतने वाली टीम के कप्तान और मौजूदा टीम के कोच दिदिएर डेसचैम्प्स ने दाएं छोर से पवार्ड और बाएं छोर से हर्नांडेज को खिलाने का बड़ा फैसला किया था। 22 साल के इन दोनों खिलाड़ियों को सिर्फ 10-10 अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने का अनुभव है लेकिन मौजूदा विश्व कप में दोनों ने धैर्य और जज्बा दिखाया है। दूसरी तरफ शुरुआत में संदेह जताया जा रहा था कि कोच रोबर्टो मार्टिनेज बेल्जियम की व्यक्तिगत प्रतिभा को सामूहिक ताकत में बदल पाएंगे या नहीं। प्रशंसकों ने अगस्त 2016 में उनके टीम के साथ जुड़ने को अधिक तवज्जो नहीं दी थी क्योंकि इससे कुछ समय पहले इंग्लैंड की प्रीमियर लीग टीम एवर्टन ने उन्हें बर्खास्त किया था। वहीं मैच के दौरान सभी की नजरें बेल्जियम के गोलकीपर थिबॉ और फ्रांस के पर टिकी होंगी। बेल्जियम को हालांकि डिफेंडर थॉमस मेनुएर की गैरमौजूदगी से निपटना होगा जिन्होंने दोनों छोर से बेल्जियम के आक्रमण में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि बेल्जियम की टीम में रोमेलू लुकाकु और एडेन हजार्ड जैसे दिग्गज खिलाड़ी हैं। ऐसे में फाइनल के लिए होने वाली ये जंग वास्तव में बेहतरीन होने वाली है।
ऐसे रहा है अबतक का सफर
बेल्जियम के सफर पर नजर डालें तो इस टीम ने अब तक दमदार प्रदर्शन किया है और सभी मैचों में जीत दर्ज की है। ईडन हेजार्ड की कप्तानी में टीम ने प्रतियोगिता का शानदार आगाज करते हुए पहले मुकाबले में पनामा को 3-0 से शिकस्त दी थी। अगले दो मैचों में भी बेल्जियम को कोई खास परेशानी नहीं हुई और ट्यूनीशिया को 5-2 एवं इंग्लैंड को 1-0 से हराकर टीम ने नॉकआउट दौर में प्रवेश किया था। प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बेल्जियम ने जापान को 3-2 से हराया । क्वार्टर फाइनल में उसका सामना पांच बार की विजेता ब्राजील से हुआ। ब्राजील के खिलाफ शुरू से ही बेल्जियम ने आक्रामक खेल दिखाया और मैच को 2-1 से अपने नाम किया।
फ्रांस का सफर
फ्रांस की टीम ने अपने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 जबकि दूसरे मैच में पेरू को 1-0 से हराया था। वहीं अंतिम ग्रुप मैच में फ्रांस को डेनमार्क से गोल रहित ड्रॉ खेलना पड़ा था। नॉकआउट स्तर में फ्रांस ने आक्रमक खेल दिखाते हुए प्री-क्वार्टर फाइनल में अर्जेटीना पर 4-3 और क्वार्टर फाइनल में उरुग्वे पर 2-0 से आसान जीत दर्ज की। फ्रांस के लिए जीत में हर खिलाड़ी ने बराबर योगदान दिया है। 19 वर्षीय फारवर्ड कीलियन एमबाप्पे और एंटोनी ग्रीजमैन ने अब तक टूर्नामेंट में तीन गोल दागे हैं, ऐसे में बेल्जियम के डिफेंस को उनके खिलाफ खास रणनीति बनानी होगी।