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फीफा U-17 वर्ल्डकपः परिवार का पेट भरने के लिए नौकरी चाहते हैं भारतीय फुटबॉल स्टार अभिजीत

भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम में वैसे तो कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी कहानी आपको भावुक कर देगी लेकिन आज हम आपको अभिजीत सरकार के बारे में बताने जा रहे हैं।

नई दिल्ली। फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप में भले ही भारत का सफर समाप्त हो गया हो लेकिन टीम ने अपने पहले फीफा वर्ल्डकप में कमाल के प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम में वैसे तो कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी कहानी आपको भावुक कर देगी लेकिन आज हम आपको अभिजीत सरकार के बारे में बताने जा रहे हैं।

अभिजीत अब अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए नौकरी की तलाश में हैं

अभिजीत अब अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए नौकरी की तलाश में हैं

दरअसल 15 साल के अभिजीत सरकार की खूब चर्चा हो रही है। बहुत कम लोगों को मालूम है कि फुटबॉल का ये उभरता सितारा एक मामूली परिवार से ताल्लुक रखता है। भारत की तरफ से फीफा में केवल एक गोल दागा गया वो भी जैक्सन सिंह ने कोलंबिया के खिलाफ किया था। लेकिन अभिजीत सरकार ने फील्ड पर बेहद शानदार प्रदर्शन किया। संसाधनों के आभाव में फुटबॉल का शौक पाले अभिजीत अब अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए नौकरी की तलाश में हैं।

मुझे आशा है कि राज्य सरकार हमें भी मदद करेगी

मुझे आशा है कि राज्य सरकार हमें भी मदद करेगी

अभिजीत सरकार ने शुक्रवार को कहा- "मणिपुर, मिजोरम जैसे हर राज्य ने खिलाड़ियों को लाखों में नकद रुपए देकर प्रोत्साहन दिया है। बंगाल भारतीय फुटबॉल का घर है और हमने यहां के लिए बहुत कुछ किया है। मुझे लगता है कि हम भी कुछ पाने के लिए योग्य हैं। मुझे आशा है कि राज्य सरकार हमें भी मदद करेगी।" अभिजीत सरकार, रहीम अली और जितेंद्र सिंह सहित तीनों बंगाल के युवा भारत के ऐतिहासिक U17 विश्वकप की शुरुआत के बाद घर लौट आए।

हमारे कोच ने हम सभी को मौका दिया

हमारे कोच ने हम सभी को मौका दिया

कोलंबिया के खिलाफ भारत ने पहले हॉफ में शानदार खेल दिखाया। लेकिन बाद में पिछड़ गए। अभिजीत ने कहा कि वे टार्गेट नहीं कर सके इसका उन्हें जिंदगी भर पछतावा रहेगा। लेकिन हमने अच्छा खेल दिखाया ये भारतीय फुटबॉल को आगे ले जाने के अच्छे संकेत हैं। हमारे कोच ने हम सभी को मौका दिया। हमारे प्रदर्शन के हमारा सपोर्ट स्टॉफ खुश है।

अभिजीत की मां हाउस वाइफ हैं और अक्सर बीमार रहती हैं

अभिजीत की मां हाउस वाइफ हैं और अक्सर बीमार रहती हैं

अभिजीत काफी गरीब परिवार से आते हैं। बंगाल के हुगली जिले के बंडेल अंचल के बेहद गरीब परिवार में जन्में अभिजीत के पिता हरेन सरकार हाथ गाड़ी पर सामान ढोने का काम करते हैं। दिनभर की कमाई से परिवार का गुजारा चलता है। अभिजीत की मां हाउस वाइफ हैं और अक्सर बीमार रहती हैं। घर का खर्चा ठीक-ठाक चलता रहे इसके लिए अभिजीत के पिता बीड़ी बनाने का भी काम करते हैं। अब जब अभिजीत ने देश का इतने बड़े मंच पर प्रतिनिधित्व किया है तो ऐसे में उन्हें अपनी सरकार से अपने परिवार की मदद के लिए गुहार लगाई है। अभिजीत को बचपन से ही फुटबॉल खेलने का शौक था। लेकिन आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह फुटबॉल सीखने के लिए कोचिंग ले सकें। पिता ने उनके हुनर को पहचाना और तंगी के बावजूद फुटबॉलर बनाने की ठान ली। अभिजीत का सपना है कि वह बड़े फुटबॉल क्लब की तरफ से खेलें और बाद में देश की सीनियर टीम का प्रतिनिधित्व करे।

Story first published: Monday, November 13, 2017, 11:22 [IST]
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