मुम्बई, 16 मार्च । बेंगलुरू एफसी और एफसी गोवा ने इससे पहले भी हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) खिताब हासिल करने का प्रयास किया है लेकिन दोनों ही नाकाम रहे हैं। अब एक बार फिर दोनों के पास खिताब जीतने का मौका है, क्योंकि पांचवें सीजन के फाइनल में रविवार को दोनों का सामना मुम्बई फुटबाल एरेना में होने जा रहा है।
लीग की दो श्रेष्ठ टीमों ने अपनी काबिलियत के आधार पर फाइनल में जगह बनाई है। यह दूसरा मौका है जब दोनों टीमें फाइनल में पहुंची हैं। बेंगलुरू को बीते साल चेन्नइयन एफसी के हाथों फाइनल में हार मिली थी जबकि 2015 में गोवा को भी चेन्नई ने ही हराया था।
बेंगलुरू की टीम ने लीग स्तर पर टॉप किया था और इसी कारण रविवार को होने वाले खिताबी मुकाबले में वह प्रबल दावेदार के तौर पर मैदान पर उतरेगा। उसे हालांकि खिताब तक पहुंचने के लिए गोवा को दोयम साबित करना होगा, जिसने सेमीफाइनल में शक्तिशाली मुम्बई सिटी एफसी को कुल 5-2 के अंतर से हराते हुए दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई है।
बेंगलुरू की टीम संतुलित है और यह टीम एकत्रित होकर आक्रमण करती है। पांचवें सीजन के पहले चरण में 11 मैचों तक अजेय रहने के बाद इस टीम ने दूसरे चरण में खराब फार्म और खराब परिणाम का सामना किया लेकिन इस टीम ने अपनी कमियों पर काम करते हुए लगातार दूसरी बार फाइनल में जाने का गौरव हासिल किया।
इस बीच, गोवा ने इस सीजन में कुल 41 गोल किए और यही कारण है कि वह फाइनल खेल रही है। सर्गियो लोबेरा ने इस टीम के डिफेंस को भी मजबूत किया है और इसी कारण आज की तारीख में यह टीम काफी संतुलित नजर आ रही है।
बेंगलुरू के खिलाफ हालांकि गोवा का प्रदर्शन खराब रहा है। इस सीजन में इन दो टीमों के बीच दो मुकाबले हुए हैं और हर बार बेंगलुरू जीता है। उसने गोवा के खिलाफ पांच गोल किए। बेंगलुरू की टीम में शामिल भारतीय खिलाड़ी काफी अच्छा खेल रहे हैं और इसी कारण बेंगलुरू का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।
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बेंगलुरू के कोच चार्ल्स कुआडार्ट ने कहा, ''हमारी टीम खिताब के लिए खेलना चाहती है। वह खिताब जीतना चाहती है। मैं अपने खिलाड़ियों को संयमित रहने की सलाह देता हूं। फाइनल खास होता है और इस में हर खिलाड़ी अपना 100 फीसदी देना चाहता है। इसमें कुछ खास भी होता है। फुटबाल के इतिहास में हर जगह ऐसा ही कुछ होता रहा है। बड़े मैचो में कुछ खिलाड़ी अप्रत्याशित तौर पर चमकते हैं। हमारे पास सुनील, गुरप्रीत, उदांता जैसे खिलाड़ी हैं और ये अपने प्रदर्शन से दूसरों को भी अच्छा खेलने के लिए प्रेरित करते हैं। समस्या यह है कि गोवा के पास भी कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपनी चमक दिखाने के लिए मशहूर हैं।''
कुआडार्ट ने माना कि गोवा के बैकफुट पर नहीं धकेला जा सकता। इस टीम के पास फेरान कोरोमिनास जैसा मैच जिताऊ खिलाड़ी है, जिसने अब तक 19 मैचो में 16 गोल किए हैं। फेरान को मदद करने के लिए गोवा के पास हुगो बाउमोस और इदु बेदिया हैं, जो उनके बराबर ही खतरनाक हैं।
कार्लोस पेना और माउतोर्दा फाल ने कई मौकों पर इस सीजन में गोवा को मुश्किल से निकाला है और अगर गोवा की टीम एक बार अपने अटैक मोड में आ गई तो फिर उसे रोकना मुश्किल होगा। ऐसे में बेंगलुरू के लिए सर्गियो लोबेरा का चक्रव्यूह तोड़ना आसान नहीं होगा।
लोबेरा ने कहा, ''जो हुआ वह इतिहास है। फाइनल बिल्कुल अलग मैच होता है। हम सेमीफाइनल में अच्छा खेले लेकिन फाइनल का समीकरण बिल्कुल अलग होता है। यह सच है कि बेंगलुरू ने हमारे खिलाफ अधिक मैच जीते हैं लेकिन हम यहां फाइनल जीतने के इरादे से आए हैं और हम अपनी गलतियों से सीखते हुए खिताब तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।''
सेमीफाइनल मुकाबलों में ब्लूज नाम से मशहूर बेंगलुरू ने बड़ी मुश्किल से जीत हासिल कर अपनी साख बचाई जबकि गोवा की टीम ने पहले चरण के मुकाबले में ही मुम्बई को 5-1 से हराते हुए अपने लिए फाइनल का टिकट सुरक्षित कर लिया था। ये दोनोें आईएसएल की सबसे आक्रामक टीमें हैं और जब ये खिताबी मुकाबले में आमने-सामने होंगी तो सबको बहुत मजा आने वाला है।