नई दिल्ली। हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) 2021-22 के 8वें सीजन में शानदार प्रदर्शन कर रही चेन्नइयन एफसी की टीम जब 33वें मैच में ओडिशा एफसी का सामने करने उतरी तो पिछले मैच में मिली हार की बुरी यादों को पीछे छोड़कर आयी। शनिवार को वास्को डि गामा स्थित तिलक मैदान स्टेडियम में खेले गए इस मैच में चेन्नइयन एफसी की टीम ने 2-1 से जीत हासिल कर अंकतालिका में तीसरे पायदान पर कब्जा कर लिया है। चेन्नइनय एफसी की टीम के लिए इस मैच में जर्मनप्रीत सिंह और मिरलान मुर्जाएव ने दोनों हाफ में एक-एक गोल दागा। इस सीजन मिली तीसरी जीत के साथ ही कोच बोजिदार बांदोविक की टीम चेन्नइयन एफसी 6 मैचों में 11 अंक हासिल कर प्वाइंटस टेबल में 2 पायदान की छलांग लगाते हुए तीसरे स्थान पहुंच गई है।
वहीं ओड़िसा एफसी की टीम के लिये अब तक खेले गये 6 मैचों में मिली यह तीसरी हार है जिसकी वजह से वह 9 अंकों के साथ 5वें पायदान पर लुढ़क गई है। आईएसएल के 33वें मैच के पहले हाफ में तेज गति की फुटबाल देखने को मिली, जिसमें दोनों टीमों की तरफ से गेंद पर नियंत्रण के लिए लगातार संघर्ष हुआ। दोनों ही तरफ से हमले बोले गए। इस दौरान चेन्नइयन एफसी न केवल गोल करने में सफल रही बल्कि उसका मिडफील्ड पर दबदबा रहा।
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कप्तान अनिरुद्ध थापा, जर्मनप्रीत सिंह और व्लादिमीर कोमैन की तिकड़ी ने मिडफील्ड में दमदार प्रदर्शन करके विपक्षी टीम पर दबाव बनाए रखा। चेन्नइयन की ओर से ज्यादा हमले हुए और कई शॉट लक्ष्य की तरफ लगाए गए जबकि उसके डिफेंडर हमेशा ही ओड़िसा की टीम को रोकते रहे। पहले हाफ में दोनों टीमों को कुछ मौके जरूर मिले लेकिन ज्यादातर में दोनों गोलकीपरों को बहुत परेशानी हुई।
मैच का पहला 23वें मिनट में जर्मनप्रीत सिंह ने दागा और चेन्नइयन एफसी को 1-0 की बढ़त मिल गई। दाहिने फ्लैंक से बने एक हमले में बॉक्स के अंदर से कप्तान अनिरुद्ध थापा के शॉट को ओड़िसा एफसी के गोलकीपर कमलजीत सिंह ने डाइव लगाकर ब्लॉक किया लेकिन गेंद डिफ्लेक्ट होकर जर्मनप्रीत के पैरों के आगे गिरी और पोस्ट से छह गज की दूरी पर खड़े इस मिडफील्डर के पहले प्रयास को ओड़िसा के डिफेंडर रोक दिया। लेकिन रिबाउंड पर गेंद फिर से उनके पास आ गई और उन्होंने ओड़िसा के दोनों सेंट्रल डिफेंडरों के बीच से गेंद को राइट फुटर शॉट से गोलपोस्ट के अंदर पहुंचा दिया। यह जर्मनप्रीत सिंह का हीरो आईएसएल में पहला गोल है। उनको 2015 में हीरो आईएसएल में अपनी शुरुआत के बाद यह गोल करने में छह साल लग गए।
इंटरवल के बाद 63वें मिनट में मिरलान मुर्जाएव के बेहतरीन गोल की मदद से चेन्नइयन एफसी की बढ़त 2-0 हो गई। बायीं तरफ से लालिआनजुआला चांग्टे ने उन्हें गेंद पास की। उनको ओड़िसा का कोई भी खिलाड़ी मार्क नहीं कर रहा था। इसका फायदा उठाकर कीर्गिस्तानी विंगर ने बड़े ही इत्मीनान से गेंद को नियंत्रित करने के बाद बॉक्स के काफी बाहर से राइट फुटर शॉट लगाया। गेंद सीधे गोलपोस्ट के अंदर चली गई और ओड़िसा के गोलकीपर कमलजीत सिंह ने अपनी दाहिनी तरफ डाइव लगाई लेकिन उनके पास इस शॉट को रोकने का कोई मौका नहीं था। इस गोल का जश्न मिरलान ने एक्रोबैटिक अंदाज में मनाया।
85वें मिनट में चेन्नइयन एफसी को तीसरा गोल करने का सुनहरा मौका पेनल्टी किक के रूप में मिला। लेकिन लुकास गिकिएविक्ज के राइट फुटर शॉट को गोलकीपर कमलजीत ने अपने दाहिने तरफ डाइव लगाते हुए बेहतरीन ढंग से रोक दिया। इस तरह ओड़िसा एफसी को कुछ राहत मिली जबकि पोलिश स्ट्राइकर अपने इस प्रयास से निराश नजर आया। यह पेनल्टी उस समय मिला, जब पेनल्टी क्षेत्र के अंदर व्लादिमीर कोमन को एक गेंद मिली और सेबस्टियन थंगमुआनसांग उनको खतरनाक ढंग से गिराकर फाउल कर दिया। लिहाजा, रैफरी प्रतीक मंडल ने पेनल्टी देने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई।
मैच के अंतिम क्षणों यानी पांच मिनट के स्टॉपेज टाइम में ओड़िसा एफसी के लिए जेवियर हर्नांडेज ने कंसोलेशन गोल दागा। 95वें मिनट में हर्नांडेज ने लम्बी दूरी से लेफ्ट फुटर दमदार शॉट लगाकर शानदार गोल किया। एक काउंटर अटैक में गोलकीपर कमलजीत से अंडर आर्म थ्रो पर मिली गेंद लेकर जेवियर तेजी से अपने हाफ से दौड़े और चेन्नइयन की मिडफील्ड को पीछे छोड़ते हुए बॉक्स के थोड़ा पहले उन्होंने शॉट लगाकर गोल किया।