नई दिल्ली। रूस में चल रहे फीफा विश्वकप का रोमांच जारी है। खेल जगत में कई ऐसे किस्से देखने को मिलते हैं जो खेल के प्रति लोगों की दीवानगी को बढाते हैं और अक्सर खिलाड़ी भी अपनी खेल भावना से लोगों का दिल जीत लेते हैं। एक खिलाड़ी के लिए उसका खेल,उसकी टीम उसका देश उसके लिए पहले आता है, यही भावना किसी खिलाड़ी को महान भी बनाती है। ऐसा ही एक किस्सा इस विश्वकप में भी देखने को मिल रहा है। दरअसल नाइजीरिया की फुटबॉल टीम के कप्तान जॉन ओबी माइकल ने खुलासा किया है कि विश्वकप में अर्जेंटीना के खिलाफ मैच के कुछ घंटे पहले ही उन्हें पिता के अगवा होने का पता चल गया था। हालांकि इसके बारे में तुरंत उन्होंने किसी को भी नहीं बताया और मैच खेला। इस मैच में नाइजीरिया को 2-1 से हार मिली थी।
खिलाड़ी ने कही दिल छूने वाली बातः गौरतलब हो कि 26 जून को जॉन के पिता माइकल ओबी को उनके ड्राइवर समेत अगवा कर लिया गया था। फिलहाल 2 जुलाई को पुलिस ने उन्हें रिहा करा लिया और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। वहीं जॉन का कहना है कि देश में काफी असुरक्षा का माहौल है जिसको लेकर लोगों में काफी डर है। उन्होंने कहा कि मैच से 4 घंटे पहले मुझे पिता के अगवा होने का पता चला। मैं पूरी तरह टूट गया था। मैं मैच खेलने को लेकर भ्रमित था, लेकिन अंत में सोचा कि मैं 18 करोड़ नाइजीरियाई लोगों की उम्मीद नहीं तोड़ सकता। मैंने सोचना बंद किया और खुद से कहा कि देश सबसे पहले है, इसकी सूचना मैने किसी को भी नहीं दी। जॉन ने कहा कि मुझे ये भी बताया गया था कि अगर मैंने घटना के बारे में किसी को बताया तो किडनैपर्स मेरे पिता को मार देंगे। इसके बाद उन्होंने पुलिस को शुक्रिया दिया कि जिनकी वजह से आज उनके पिता सुरक्षित हैं।
कहा हर तरफ है असुरक्षाः गौरतलब हो कि 7 साल में दूसरी बार जॉन के पिता को अगवा किया गया। जॉन के मुताबिक, दूसरी बार मुझे पिता को खोने का डर लगा। उन्होंने कहा कि ये कोई मायने नहीं रखता कि नाइजीरिया में आपकी हैसियत क्या है। हर शख्स सुरक्षित माहौल में रहने का हकदार है। आज ये मेरे पिता के साथ हुआ है, कल किसी और के साथ भी ऐसा हो सकता है। चेल्सी के मिडफील्डर रहे जॉन फिलहाल चीन के क्लब तियानजिन तेदा के लिए खेलते हैं।