नई दिल्ली। फुटबॉल की दुनिया के सबसे महान खिलाड़ियों में शुमार ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज फुटबॉलर डिएगो माराडोना ने बुधवार को 60 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। अर्जेंटीना की स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार इस महान खिलाड़ी की मौत कार्डिएक अरेस्ट के चलते हुई। खबरों के अनुसार जब माराडोना को हार्ट अटैक आया तो वह उस वक्त अपने घर पर ही मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि माराडोना ने दो हफ्ते पहले दिमाग में ब्लड की क्लॉटिंग के चलते ब्रेन सर्जरी करवाई थी, जिसके बाद वह घर पर ही रिकवरी से गुजर रहे थे।
माराडोना के निजी डॉक्टर, न्यूट्रलॉजिस्ट लियोपोल्डो ल्यूक ने उनकी मौत को लेकर कहा है कि उन्हें हार्ट अटैक आने के पीछे दुर्घटना एक कारण हो सकती है। वह ब्रेन सर्जरी के बाद ब्यूनोस एयर्स हॉस्पिटल से घर के प्राइवेट होम में एक हफ्ते पहले ही शिफ्ट हुए थे।
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मैराडोना के वकील मैटियस मोर्ला ने कहा था कि वह अपनी बेटियों के साथ उनके घर पर ही रहेंगे जहां पर वो अपनी शराब पर निर्भर रहने की आदत का इलाज जारी रख रहे थे।
गौरतलब है कि माराडोना ने 30 अक्टूबर को अपना 60वां जन्मदिन मनाया था और उसी रात पैट्रोनाटो के खिलाफ जिमनासिया की नेशनल चैम्पियनशिप मैच को देखने पहुंचे थे,जिसे उनकी टीम ने 3-0 से जीता था। हालांकि वह इस मैच में पहले हाफ के खेल के खत्म होने से पहले ही वापस लौट गये थे जिसने उनकी हेल्थ को लेकर कई सवाल खड़ कर दिये थे।
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माराडोना को दुनिया के सार्वकालिक महान फुटबॉलरों में गिना जाता है जिन्होंने 1986 फुटबॉल विश्व कप के दौरान अर्जेंटीना को चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। अपने करियर के दौरान माराडोना ने मिडफील्डर के रूप में जगह बनाई और इस दौरान राष्ट्रीय टीम के लिये 100 से भी ज्यादा गोल किये।
करियर के दौरान माराडोना ने अर्जेंटीना जूनियर्स, बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, नापोली, सेविला और नेवेल्स ओल्ड ब्वॉयज के लिये क्लब स्तर पर फुटबॉल खेला और करीब 538 गोल भी दागे। माराडोना को इंग्लैंड के खिलाफ 1986 में खेले गये टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के लिये 'हैंड ऑफ गॉड' के नाम से याद किया जाता है।