नई दिल्ली। दुनिया भर के खेल प्रशंसकों की नजर अब 14 जून से शुरू हो रहे फीफा विश्वकप पर है। रूस में होने वाले इस मुकाबले में दुनिया की 32 टीमें हिस्सा लेंगी। गौरतलब हो की इस प्रतियोगिता के लिए 4-4 के ग्रुप में टीमों को कुल 8 भागों में बांटा गया है। इस प्रतियोगिता के लिए सभी क्वालीफाई टीमों ने कमर कस ली है। गौरतलब हो की हर ग्रुप से शीर्ष पर दो टीमें नाकआउट के लिए सेलेक्ट होंगी, जिनमें जीतने के बाद दो टीमों के बीच 15 जुलाई को ल्युजिनिकी स्टेडियम में फीफा का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। ऐसे में अगर बात करें तो जर्मनी और ब्राजील की टीमों को इस विश्वकप के लिहाज से बहुत मजबूत माना जा रहा है लेकिन क्या ये अपने मजबूत ग्रुप से जीत सकेंगी जिसमें अर्जेंटीना, स्पेन और बेल्जियम जैसी टीमें हैं। गौरतलब हो की इस सीरीज का पहला मुकाबला 14 जून को खेला रूस और सऊदी अरब के बीच खेला जाएगा।
साउथ कोरिया
ग्रुप एफः जर्मनी, स्वीडन और मेक्सिको इस ग्रुप की टीम में शामिल
मुकाबलाः साउथ कोरिया का पहला मुकाबला 18 जून को स्वीडन के साथ, वहीं 23 जून को मेक्सिको के साथ और 27 को जर्मनी के साथ खेला जाना है।
फीफा रैंकिंगः 61
पिछला रिकॉर्डः ग्रुप स्टेज
बेस्ट प्रदर्शनः 2002 में साउथ कोरिया की टीम चौथे नंबर पर थी।
स्टार खिलाड़ीः सोन ह्यूंग मिन, क्वोन क्यूंग वॉन, जॉ च्वेल कू हैं । वहीं इस टीम के कोच पद पर सिन ताई यांग आसीन हैं।
साउथ कोरिया की अगर बात करें तो यह टीम एशियन जोन में ग्रुप ए में चयनित हुई थी जहां इसने ईरान के खिलाफ 7 प्वाइंट से जीत हासिल की थी। खराब डिफेंड ही इस टीम की सबसे बड़ी कमजोरी है और यह जर्मनी जैसी दिग्गज टीम के सामने इन्हें दिक्कत दे सकती है। जबसे टीम ने उली को रिप्लेस किया है वहीं सिन जो पूर्व मिडफील्डर थे जिन्होंने एफसी चैंपियनशिप जीती थी क्या वो फिर से कोई कमाल दिखा पाएंगे ये देखने वाली बात होगी। स्कोरिंग इस टीम के लिए बड़ी समस्या है ऐसे में ज्यादा दारोमदार सोन पर आ जाता है। वहीं इस टीम के जाने पहचाने नाम जैसे ली चुंग यांग और किम जिन सु इस 23 सदस्यीय टीम से बाहर हैं जो अभी हाल फिलहाल में घोषित हुई है।
#FIFAWorldCup2018: South Korea pin hopes on star man Son Heung-min
— NDTV Sports (@Sports_NDTV) May 31, 2018
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साउथ कोरियाई टीमः
इस टीम की अगर बात करें तो यह टीम तोटेटेनम स्टार सोन पर ज्यादा निर्भर करती है जिनके ऊपर पहले से ही बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में सोन सपोर्ट के लिए जॉ कियोल कू की तरफ जरूर देखेंगे जिन्होंने क्वालीफाई गेम में 4 गोल दागे थे। गौरतलब हो की कोरिया की टीम 1986 से लगातार हर फीफा विश्वकप में सम्मिलित होती रही है वहीं रूस में ये उसकी 10वीं उपस्थिति विश्वकप में होगी। गौरतलब हो की यह कीर्तिमान किसी भी एशियन टीम के हाथ नहीं लगा है। इस सफलता से उनकी टीम थोड़ी उत्साहित जरूर होगी।
क्या है प्रेडिक्शनः अगर टीम की स्थिति और ग्रुप पर नजर डालें तो साउथ कोरिया के लिए इस सीजन आगे की राह आसान नजर नहीं आ रही है लेकिन इस टीम के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं जो कि इस टीम के समर्थक चाहते भी होंगे।