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राफेल मार्केज़ अल्वारेज़ (मेक्सिको)
मेक्सिको के इस खिलाड़ी ने पांच बार विश्वकप में हिस्सा लिया है। इस खिलाड़ी ने 4 बार ला लीगा का टाइटल और दो बार चैंपियंस लीग का टाइटल जीता है। राफेल 1997 से मेक्सिको के लिए खेल रहे हैं। खास बात है की इस खिलाड़ी ने 1998 का विश्वकप तो नहीं खेला लेकिन 2002 से हुए अब तक के सारे विश्वकप में वो शामिल हुए हैं, और इस बार भी टीम का हिस्सा हैं। वहीं इसके साथ ही उनके नाम एक और खिताब है की यह खिलाड़ी 4 बार फीफा में अपनी टीम की कप्तानी भी कर चुका है। वहीं 39 साल की उम्र में यह खिलाड़ी सबसे ज्यादा उम्र का और सबसे अनुभवी खिलाड़ी भी इस टूर्नामेंट का है। 5 बार विश्वकप खेलने वाले पहले खिलाड़ी के रूप में इस विश्वकप में शामिल होंगे।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो (पुर्तगाल)
दुनिया के बेहतरीन फुटबॉलर में से एक रोनाल्डो 4 बार फीफा का हिस्सा रहे हैं। 33 वर्षीय इस खिलाड़ी ने 2006 में पहली बार फीफा विश्वकप में हिस्सा लिया था। इस मुकाबले में पुर्तगाल की टीम चौथे पायदान पर थी और इस खिलाड़ी ने भी शानदार प्रदर्शन नहीं किया था। इस खिलाड़ी से इस सीजन पुर्तगाल की टीम को बहुत उम्मीदें होंगी और विशअवकप जिताने के लिए पूरा दारोमदार उनके कंधों पर होगा।
जेवियर मास्चरानो (अर्जेंटीना)
यह खिलाड़ी 4 बार विश्वकप का हिस्सा रहा है, लियोनेल मेसी के साथ, 33 वर्षीय इस खिलाड़ी ने 2006 के विश्वकप में अपना सफऱ शुरू किया था। वहीं इस अर्जेंटीना टीम के लिए यह खिलाड़ी बेस्ट डिफेंडर में से एक है। वहीं यह आसानी से कहा जा सकता है की इस खिलाड़ी के लिए संभवता यह आखिरी विश्वकप हो ऐसे में यह खिलाड़ी अपना बेस्ट पेरदर्शन देने की कोशिश करेगा।
टिम काहिल (ऑस्ट्रेलिया)
38 वर्षीय यह खिलाड़ी 4 बार बार विश्वकप का हिस्सा रहा है। वहहीं सेंटर फारवर्ड के इस खिलाड़ी ने 2006 में अपने विशअवकप करियर की शुरुआत की थी। आयरलैंड की टीम ने भी इस खिलाड़ी पर दांव लगाया था और उन्हें उस टीम से खेलने के लिए कहा था। हालांकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को ही चुना। उनके लिए 2006 का विश्वकप ही शायद सबसे यादगार रहा हो जहां नाकआउट राउंड में उन्होंने इटली को हराया था। वहीं 2010 के विश्वकप में ये ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी।
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पेपे रीना (स्पेन)
यह 35 वर्षीय खिलाड़ी भी चौथी बार इस विश्वकप का हिस्सा होगा। स्पेन का यह गोलकीपर 2006 से स्पेन के लिए विश्वकप खेल रहा है। वहीं क्लब लेबल पर अगर बात करें तो यह खिलाड़ी बेस्ट गोलकीपर में से एक है। 2010 में क्वाटर फाऱनल मैच में इस खिलाड़ी ने अहम रोल अदा किया था बिना मैच खेले ही। क्योंकि कैसिलास ने ये बात मानी थी की रीना की कही हुई बातें उनके लिए वरदान साबित हुआ थी।
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सर्जियो रामोस (स्पेन)
यह खिलाड़ी भी 2006 से लगातार विश्वकप का हिस्सा है। वहीं 2010 की जीत के लिए इस खिलाड़ी का अहम रोल था। 2012 से इस खिलाड़ी की पोजिशन लगभग निश्चित कर दी गई है। इस टीम में अनुभवी और युवाओं का शानदार मिश्रण है वहीं रामोस अपने करियर का दूसरा विश्वकप भी जीत सकते हैं जिस तरह की टीम उनके पास है।