मॉस्को। मार्कैन्डो पासो जब अपनी साइकिल से वोरोब्योवी गोरी में फीफा फैन फेस्ट की ओर जा रहा थे तभी उनकी नजर एक खोए हुए व्यक्ति पर पड़ी। दरअसल मैंने मॉस्को का सेंटर कहे जाने वाले रेड स्क्वायर के बाहर सिग्नल तक उसका पीछा किया। कारों के बीच से होते हुए जब मैंने ग्रीन लाइट होने पर सिग्नल क्रॉस किया तो तो सभी चौंक गए दरअसल वो ग्नीन लाइट उन कारों के लिए थी। आखिरकार पासो ने मुझे देखा क्योंकि वह रूसी लड़की को देखने के लिए वापस मुड़ा, और उसे रोकने के लिए इशारा भी किया। फीफा विश्व कप 2018 में लियोनेल मेस्सी और जेवियर मास्चेरानो को सपोर्ट करने के लिए अर्जेंटीना प्रशंसक पासो, मार्च की शुरुआत से तीन महीने तक साइकिल चलाकर बार्सिलोना से मॉस्को पहुंचा था। उसके पास केवल तीन मिनट ही थे जिसमें वो मुझे अपनी यात्रा से जुड़े सवालों के जवाब दे सकता था। क्योंकि उसे रूस और सऊदी अरब के बीच होने वाले पहले मुकाबले को देखने जाने के लिए देरी हो रही थी।
पासो बार्सिलोना के भी फैन हैं, उन्होंने कहा कि "मैंने 12 देशों में 4,000 किमी की यात्रा की है जिसमें स्पेन (खुद का देश), फ्रांस, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया, एस्टोनिया, फिनलैंड और अंत में रूस शामिल हैं।" पासो ने आगे बताया "मेरे पास एक इटैलियन पासपोर्ट है और हमें अर्जेंटीना के लोगों के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती है। मैं एक हफ्ते पहले रूस पहुंचा था। लेकिन मैं ब्रोंनिट्स्की में था, वह जगह जहां अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम ट्रेनिंग कर रही थी। उसके बाद मैं मास्को पहुंचा और यहां मैं एक ऐप के जरिए एक परिवार के रह रहा हूं।"
जब पासो से पूछा कि उन्हें कैटालुन्या से मॉस्को तक की यात्रा क्यों करनी पड़ी? इस पर उनका उनका कहना है कि 'मैसेज अर्जेंटीना को प्रेरित करना था, जो 2014 के विश्वकप फाइनल में जर्मनी से करीबी मुकाबले में हार गई थी। इसके अलावा कप को आखिरी बार मेस्सी को ट्रिब्यूट के रूप में जीतने के लिए यात्रा की है।' पासो कहते हैं कि "मैं फुटबॉल के प्रति जुनून दिखाना चाहता था और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अर्जेंटीना के लिए विश्व कप कितना महत्वपूर्ण है। मैंने इस विश्व कप में लियोनेल मेस्सी और जेवियर मास्चरानो को प्रेरित करने के लिए ऐसा किया है।"
देखा जाए तो ये यात्रा आसान नहीं थी। रूस के पास, पिछले महीने पासो को एक तूफान के खतरे का सामना करना पड़ा था। पासो ने बताया, "जिस दूरी तक मैंने यात्रा की थी वह बार्सिलोना से 4,000 किमी की रही। मार्च की शुरुआत में मैं लगभग 100 किलोमीटर प्रति दिन साइकिल चलाता था।"
वह कहते हैं कि, "मेरी यात्रा के पहले तीन सप्ताह कठिन थे। मैंने कभी इसके लिए प्रशिक्षिण नहीं लिया। मैंने साइकिल ले ली और सवारी शुरू कर दी। जब मैंने शुरू किया, मुझे नहीं लगता था कि मैं पहले गेम के लिए 14 जून तक यहां पहुंच जाऊंगा। यह एक व्यक्तिगत चुनौती थी और इसने मेरे लिए काम किया। क्योंकि मैं यहां हूं।" वैसे तो पासो दिन में 100 किलोमीटर तक साइकिल चलाने के लिए पर्याप्त फिट दिखते हैं लेकिन उन्हें अक्सर रास्ते में डिहाईड्रेशन का शिकार होना पड़ा। सौभाग्य से उनके लिए, हमेशा आवश्यक समय पर सहायता मिलती रही और यहां तक कि चेक गणराज्य से उनके लिए एक ट्रैवल पार्टनर भी मिला गया। पासो भारत में भी रह चुके हैं और उन्होंने राजस्थान में काफी ट्रैवल किया है। भारत की तारीफ करते हुए वे कहते हैं कि "कई लोगों ने मेरी ऐसे मदद की जैसे भारत के लोग अपने यहां करते हैं। मैं वहां कई बार गया हूं।" पासो आगे कहते हैं कि "एक और ट्रैवलर है लेकिन उसने मेरे जितनी यात्रा नहीं की। हम पिछले महीने प्राग (चेक गणराज्य) से एक साथ ट्रैवल कर रहे थे।" विश्व कप के प्रचार के दौरान, पासो के पास फीफा विश्व कप में सभी अर्जेंटीना मैचों के लिए टिकट बुक करने के लिए अधिक समय और पैसे नहीं थे। वह केवल एक गेम देखेंगे वो भी नाइजीरिया के खिलाफ। लेकिन वह स्पष्ट रूप से जानते हैं कि अर्जेंटीना टूर्नामेंट में आगे बढ़ेगी। पासो कहते हैं कि "मेरे पास सेंट पीटर्सबर्ग में नाइजीरिया बनाम अर्जेंटीना मैच के लिए केवल एक टिकट है। मैं वहां जाने के लिए मुफ्त ट्रेन का उपयोग कर रहा हूं और साइकलिंग नहीं कर रहा हूं!" अंत में पासो कहते हैं कि "मैं अगले महीने तक रूस में हूं और मैं 15 जुलाई को साइकिल से स्पेन वापस जाऊंगा। पार्टी 15 जुलाई को 11 बजे तक चलेगी जिसकी शुरुआत अब से हो चुकी है। अब मैं फैन फेस्ट की ओर जा रहा हूं, जो यहां से 8 किमी दूर है।"
आप पासो का इंस्टाग्राम अकाउंट यहां पर देख सकते हैं।
(MyKhel.com संवाददाता अरविंद एस रूस में है। वे वहां एक प्रशंसक के परिप्रेक्ष्य से ईवेंट को कवर कर रहे हैं)