कोच्चि। देश में खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकारों के 'कथित प्रयास' जारी हैं। लेकिन आए दिन खबरें आती रहती हैं कि खिलाड़ी संसाधनों की कमी से गुजर रहे हैं। खोखली सुविधाओं के नाम पर खेल को बढ़ावा देने की बातें सिवाय युवाओं को ठगने के अलावा और कुछ नहीं हैं। अगर ताजा मामले पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि जैसे सरकारें केवल वही काम करना चाहती हैं जिसमें उन्हें सीधे मुनाफा हो।
दरअसल केरल क्रिकेट एसोसिएशन ( केसीए) ने कोच्चि के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पर क्रिकेट पिच बनाने का फैसला किया है। वेस्टइंडीज और भारत के बीच होने वाले वनडे मैच के लिए यह फैसला किया गया था। क्रिकेट के लिए फुटबॉल की बलि चढ़ाना साफ दिखाता है कि एसोसिएशन को केवल मुनाफा चाहिए। सीधे कहें तो देश में अभी भी फुटबॉल के मुकाबले क्रिकेट की ऑडियंस ज्यादा है।
लोगों का क्या है वे केवल विरोध ही कर सकते हैं। लेकिन देश में जिस तरह से फुटबॉल लोगों का पसंदीदा खेल बन रहा है उससे ये एक तरह से क्रिकेट और फुटबॉल प्रशंसकों की बीच का टकराव साफ दिखता है। हालांकि फुटबॉल फैंस इस फैसले से नाराज हैं और लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।
चौंकाने वाली बात ये है कि जिस जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम की टर्फ खोदी जा रही है वो भारत में फीफा द्वारा स्वीकृति प्राप्त छह फुटबॉल ग्राउंड में से एक है। देश ने पिछले साल फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन किया। ढिंढोरा पीटा गया कि ये कदम भारतीय फुटबॉल में क्रांति लाएगा। लेकिन अब फीफा द्वारा स्वीकृति स्टेडियम की टर्फ को क्रिकेट के लिए खोदा जाना क्या साबित करता है?
हालांकि एक अच्छा संकेत ये है कि क्रिकेट के 'भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर स्टेडियम को खोदे जाने के विरोध में खुलकर सामने आए हैं। लेकिन सचिन का विरोध में सामने आना इसलिए भी कोई चौंकाने वाला नही लगता है क्योंकि उनकी टीम केरल ब्लास्टर्स फुटबॉल क्लब का ये होम ग्राउंड है। इस ग्राउंड के नाम आईएसएल के दौरान सबसे ज्यादा दर्शकों को आकर्षित करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।
केरल क्रिकेट एसोसिएशन के विरोध में खुद इंडियन नेशनल टीम और बेंगलुरु FC के कप्तान सुनील छेत्री सामने आए हैं। छेत्री ने ट्वीट कर बेहद ही भावुक बात कही है। उन्होंने लिखा- "हम भारतीय फुटबॉल फैंस के पास जश्न मनाने और खुश होने के चुनिंदा कारण ही हैं और एक प्रॉपर फुटबॉल पिच उनमें से एक है। इसे थोड़ी देर के लिए भी मत छीनिए।"
We football fans in India have small joys and reasons to be happy about. A proper football pitch is one of them. Let's not snatch that away, even if it's for a little while.#SaveKochiTurf
— Sunil Chhetri (@chetrisunil11) March 20, 2018
केरला ब्लास्टर्स के खिलाड़ी और सीनियर फुटबॉलर सीके विनीत ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर इसका विरोध किया है। उन्होंने लिखा, 'भारत हमेशा से एक 'क्रिकेट क्रेजी' कंट्री के रूप में फेमस रहा है, क्या सच में एक क्रिकेट मैच के लिए फुटबॉल मैदान को खोदना जरूरी है'?
The JN Stadium is one of only six in India that are FIFA approved,a certification that will take immense effort to obtain again. When India has been known for being a 'cricket crazy' nation, is it really necessary to dig up a football pitch to play a cricket match? #SaveKochiTurf
— CK Vineeth (@ckvineeth) March 19, 2018
वहीं सचिन ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- "कोच्चि में फीफा स्वीकृत विश्व स्तरीय फुटबॉल मैदान के संभावित नुकसान के बारे में चिंतित हूं। सही निर्णय लेने के लिए केसीए से आग्रह करता हूं कि क्रिकेट (तिरुवनंतपुरम) और फुटबॉल (कोच्चि) खुशी से एक साथ रह सकें।"
Worried about the potential damage to the FIFA approved World class Football turf in Kochi. Urge the KCA to take the right decision where cricket (Thiruvananthapuram) and Football (Kochi) can happily coexist. pic.twitter.com/rs5eZmhFDP
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) March 20, 2018
सचिन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय से भी आग्रह किया है कि वे इस मामले को देखें। सचिन का मानना है कि न तो फुटबॉल और न ही क्रिकेट फैंस को निराश होना पड़ेगा।
Urged Shri. Vinod Rai who has promised to look into the matter. Hoping that neither the cricket nor the football fans are disappointed. @BCCI @KCAcricket
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) March 20, 2018
तिरुवनंतपुरम के एमपी शशि थरूर ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने इस बार में सीओए के अध्यक्ष विनोद राय से बात की है कि वह इस फैसले को वापस ले लें। साथ ही यह भी बताया कि विनोद राय ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह इस मुद्दे पर काम करेंगे।