नई दिल्ली। हर साल की तरह इस बार भी देश की राजधानी दिल्ली धुंए की चपेट में आ गई। दीवाली के त्योहार पर चले पटाखों के धुंए ने फिर लोगों की बाहर निकलने की मुश्किलें बढ़ाई हैं। भारतीय फुटबाॅल टीम के कप्तान सुनील छेत्री भी इस मुसीबत का सामना करते दिखे। उन्होंने चिंता जताई कि प्रदूषण के कारण बाहरी देशों के आए खिलाड़ी भी इसका शिकार होकर खेलने में दिक्कत महसूस करते हैं।
छेत्री ने कहा कि विदेशी खिलाड़ी जब यहां आते हैं तो मॉस्क पहनते हैं। पता नहीं यह पूर्व निर्धारित धारणा की वजह से है या फिर प्रदूषण के कारण से। लेकिन प्रदूषण निश्चित ही एक चिंता का विषय है। पहले जब आईएसएल टीमें यहां आती थीं तो उनके खिलाड़ी भी मॉस्क पहनतते थे। मैं भी जब यहां आता हूं तो आंखों में जलन महसूस होती है। उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली का ही हूं लेकिन मुझे भी प्रदूषण से चिंता होती है। वैसे भी मेरा दिल्ली आना जाना काफी कम हो गया है। हम यहां जब भी मैच के लिए आते हैं तो एक दिन पहले ही आते हैं ताकि यहां ज्यादा दिन न रहना पड़े।
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भारतीय फुटबाल कप्तान ने हर्बालाइफ न्यूट्रिशन के फिट फैमिलीज़ फेस्ट के तीसरे संस्करण को लांच करते हुSआम आदमी की जिंदगी में फिटनेस की जरूरत पर जोर दिया। इस बार फेस्ट तीन नवंबर को भुवनेश्वर में, 10 नवंबर को लुधियाना में, 17 नवंबर को अहमदाबाद में और 24 नवंबर को हैदराबाद में मनाया जाएगा। छेत्री ने इस बात पर भी चिंता जताई कि दिल्ली में अब अंतरराष्ट्रीय मैच कम होने लगे हैं। आईएसएल में दिल्ली की टीम ओडिशा चली गई है। दिल्ली देश की राजधानी है लेकिन यह फुटबाल का हब नहीं है जबकि अन्य देशों में उनकी राजधानी फुटबाल का हब होती है। यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है।