नई दिल्ली। रूस में हुए फीफा विश्वकप के फाइनल मुकाबले में कई सारे यादगार लम्हे देखने को मिले। मैदान में एक तरफ जहां खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला वहीं दूसरी तरफ स्टेडियम में बैठे दर्शकों का उत्साह भी देखने लायक था। अक्सर समर्थक अपने टीम का सपोर्ट करते-करते मैदान में पहुंच जाते हैं जिससे कि खेल में थोड़ा व्यवधान जरूर आता है। ऐसा ही देखने को मिला फ्रांस और क्रोएशिया के बीच हुए मुकाबले में भी जब मैच के दूसरे हाफ में एक लड़की दर्शक दीर्घा से निकल कर मैदान में घुस गई और दौड़ते हुए फ्रांस के स्टार स्ट्राइकर काइलियन एम्बाप्पे से हाई-फाई किया। हालांकि ध्यान देने वाली बात ये है कि ये दर्शक किसी टीम के समर्थन में नहीं बल्कि सरकार से अपना विरोध प्रकट करने के लिए इस घटना को अंजाम दे रही थी। बता दें कि रशियन प्रोटेस्ट परफॉर्मेंस ग्रुप 'पुशी राइअट' ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है।
NEWS FLASH! Just a few minutes ago four Pussy Riot members performed in the FIFA World Cup final match — ”Policeman enters the Game”https://t.co/3jUi5rC8hh pic.twitter.com/W8Up9TTKMA
— 𝖕𝖚𝖘𝖘𝖞 𝖗𝖎𝖔𝖙 (@pussyrrriot) July 15, 2018
इसलिए बीच मैदान में आई ये महिलाः इस ग्रुप ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, 'पुशी राइअट ग्रुप के चार सदस्य मैच फाइनल मैच के दौरान पिच पर मौजूद थे।' बाद में इस ग्रुप की सदस्य और ओल्गा कुरुचयोवा ने मीडिया से बताया कि फाइनल मैच के दौरान मैदान पर दौड़ने वाली वहीं थीं। उन्होंने बताया कि इस घटना के लिए उन्हें मॉस्को पुलिस स्टेशन में डिटेन किया गया। रूस की न्यूज वेबसाइट 'मीडियाजोना' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक फाइनल मैच के दौरान व्यवधान डालने वालों में तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल था, घटना के तुरंत बाद इन चारों को मॉस्को पुलिस ने डिटेन कर लिया। पुशी राइअट' ग्रुप ने कहा है कि उनके सदस्यों ने विरोध प्रकट करने के लिए फीफा विश्व कप के फाइनल मैच में व्यवधान डालने की कोशिश की और मैदान पर दौड़े। गौरतलब है कि इस ग्रुप ने सरकार के सामने कुछ मांगें रखीं हैं और उनके पूरा नहीं होने तक इसी तरह के विरोध प्रदर्शन करते रहने की ठानी है। 'पुशी राइअट' की रूस सरकार से मांग है कि राजनीतिक विरोधियों को जेल से रिहा किया जाए। सोशल मीडिया पर सरकार के विरुद्ध लिखने पर लोगों को जेल ना भेजा जाए। राजनीतिक रैलियों में गैरकानूनी तरीके से लोगों को गिरफ्तार ना किया जाए और रूस में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को स्थान दिया जाए। गौरतलब हो कि इस मुकाबले में फ्रांस की टीम ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर अपना 20 साल बाद इतिहास दोहराया और फीफा का खिताब अपने नाम कर लिया।
So much for the tolerant World Cup atmosphere. From the video of @gruppa_voina's police interrogation after @pussyrrriot's final protest, a cop says: "You shit all over Russia, yes?! It's a shame it's not 1937 anymore!"pic.twitter.com/YhhKiuZLkk
— max seddon (@maxseddon) July 15, 2018