नई दिल्ली। कार्ल हींज रूमेनिज को जर्मनी के एक बेहतरीन और डेकोरेटेड खिलाड़ी और प्रशासक के रूप में जाना जाता है। एक शानदार अनुभव और प्रभाव के कारण प्रसिद्ध इस खिलाड़ी ने 2014 में एक गलती की, टॉनी क्रूज को मैदान में जाने दिया और माना यह मिड फील्ड के विश्वस्तरीय खिलाड़ी नहीं है। वायरन मुनीच जहां रुमनजे सीइओ हैं वो थोड़ा अचरज और निराश जरूर होंगे की 28 वर्षीय क्रूज को बेस्ट मिडफील्डर का अवार्ड मिला और इस खिलाड़ी ने तीन चैंपियनशिप लीग का टाइटल भी जीता। अगर देखा जाए तो यह संभवता कम ही होता है जब क्लब खिलाड़ियों की सही परख नहीं कर पाता है। उदाहरण के लिए बैस्टियन और लुकास पोडोस्की को नीचे कर दिया गया था लेकिन इस फीफा विश्वकप में जर्मनी की टीम को बहुत फायदा होगा की उसका खिलाड़ी क्रूज मिडफील्ड में मौजूद होगा।
Toni Kroos: Of those to have attempted 150+ long balls, @ToniKroos had the best long ball accuracy in Europe's top 5 leagues last season (87.9%)
— WhoScored.com (@WhoScored) June 2, 2018
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क्यों क्रूज जर्मनी के लिए अहम हैंः खास बात है की बहुत आसानी से क्रूज मिडफील्ड को नियंत्रण में रखते हैं। आप उन्हें मैदान के भीतर बहुत मेहनत करते नहीं देखेंगे लेकिन यह खिलाड़ी बहुत शानदार तरीके से सबकुछ मैनेज कर लेता है। क्रूज के अंदर सबसे अच्छी जर्मन क्वालिटी ये है की वो हर आकिरी वक्त तक गेंद के साथ जूझते हैं। उनके गेंद को पास करने में एक अजब सा अंदाज है। उनके गेंद पास करने का तरीका ही उन्हें इतना शानदार खिलाड़ी बनाता है। वो जब गेंद को पास करते हैं तो शायद ही ऐसा होता है की गेंद उछलती हो नहीं तो गेंद हमेशा जमीनी स्तर से ही अपने लक्ष्य तक पहुंचती है। अगर 2015-16 की बात करें तो क्रूज का औसत डिफेंस इंगेजमेंट 85 प्रतिशत था।
क्रूज की शानदार रणनीति और सोच कोच को लिए ये आसान कर देती है की वो उन्हें मिडफील्ड में कहीं भी खड़ा कर दें। इस खिलाड़ी को रोनाल्डो जो उनके रियल मैड्रिड टीममेट भी रहे हैं उनके साथ टेस्ट किया जा चुका है। सबसे खास बात है की यह खिलाड़ी जानता है की आखिर बड़े मुकाबले किस तरह से खेलने चाहिए और वो पहले भी एक विश्वकप विजेता रहे हैं और चार बार चैंपियंस लीग मेडल भी जीता है। ऐसे में ये खिलाड़ी फीफा विश्वकप के लिहाज से एक शानदार खिलाड़ी है।