छठी बार बायर्न म्यूनिख ने जीता खिताब
उल्लेखनीय है कि इस जीत के साथ ही बायर्न म्यूनिख की टीम ने अपना छठा चैम्पियंस लीग का खिताब हासिल किया है। वहीं पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) की टीम ने पहली बार सेमीफाइनल के श्राप को तोड़कर फाइनल तक का सफर तय किया था। इस लीग का फाइनल मैच पहले मई के महीने में इस्तांबुल में खेला जाना था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते बाद में इसकी मेजबानी लिस्बन को दे दी गई।
पहली बार बिना फैन्स के बिना फाइनल
फुटबॉल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि चैम्पियंस लीग के बड़े खिताबी फाइनल का आयोजन बिना फैन्स की मौजूदगी में किया गया। फाइनल से पहले स्टेडियम में जाने वाले सभी खिलाड़ियों और सपोर्टिंग स्टाफ की कोविड-19 जांच की गई। इस दौरान मैदान में कुछ सौ लोग ही मौजूद रहे। इससे पहले कभी भी इस यूरोपीय चैंपियनशिप के मुकाबलों को खाली स्टेडियम में नहीं खेला गया था।
पीएसजी ने खूब किया है खर्च
पीएसजी के साथ आठ साल से जुड़े मार्को वेर्राटी ने कहा, ‘इस क्लब के इतिहास और फुटबॉलर के तौर पर यह हमारी जिंदगी के सबसे अहम 90 मिनट होंगे।'
गौरतलब है कि पीएसजी की टीम ने इस खिताब को जीतने के सपने को पूरा करने के लिए टीम में शामिल किये गये खिलाड़ियों पर भारी भरकम खर्च किया था जिसमें उसने ब्राजील के फुटबॉलर नेमार को भारी भरकम रकम खर्च करके अपने क्लब में शामिल करना शामिल था। बायर्न की टीम 2013 में चैंपियन बनने के बाद चार बार सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी थी।