नई दिल्ली। भारत के पूर्व हाॅकी खिलाड़ी बलबीर सिंह अब दुनिया में नहीं रहे। उनका लंबे समय से चल रही बामारी के कारण सोमवार 96 साल की उम्र में मोहाली में निधन हो गया। वे पिछले दो हफ्ते से यहां के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे।उन्होंने सुबह साढ़े छह बजे अंतिम सांस ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व ओलिंपियन बलबीर सिंह के निधन पर दुख जताया है।
अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा, ''बलबीर जी एक प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी जिन्होंने अपनी छड़ी से विश्व हॉकी पर छाप छोड़ी। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं जिंदादिल बलबीर जी से मिला था। उनके निधन पर उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।''
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बलबीर अपनी बेटी सुशबीर और कबीर के साथ रहते थे। बलबीर सीनियर को अस्पताल में 108 दिन बिताने के बाद पिछले साल जनवरी में पीजीआईएमईआर से छुट्टी मिली थी। इस अस्तपाल में उनका निमोनिया के लिए उपचार चल रहा था। फिर बलबीर सिंह सीनियर को 12 मई को सुबह दिल का दौरा पड़ा था। बुध की सुबह भी उन्हें दो बार फिर अटैक आया था। तब से उनकी हालत में कुछ सुधार नहीं दिखा था।
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उन्होंने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलंपिक में भारत के स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। हेलसिंकी ओलंपिक में नीदरलैंड के खिलाफ 6-1 से मिली जीत में उन्होंने पांच गोल किये थे और यह रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है। वह 1975 विश्व कप विजेता भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर भी रहे।
बलबीर ने 1952 के हेलसिंकी ओलिंपिक के फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ 5 गोल किए थे। किसी ओलिंपिक फाइनल में सबसे ज्यादा गोल करने का उनका यह रिकॉर्ड आज भी कायम है। भारत ने यह मुकाबला 6-1 से जीता था।