नई दिल्ली। हॉकी इंडिया ने शुक्रवार को हाल में संन्यास लेने वाले सरदार सिंह को उनके शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर के लिये बधाई देते हुए कहा कि वह 'खेल के सच्चे दूत' हैं।सरदार ने बुधवार को एशियाई चैम्पियंस ट्राफी और विश्व कप के लिये राष्ट्रीय शिविर के संभावितों की सूची से बाहर किये जाने के बाद अपने 12 साल के करियर को अलविदा कहा।हॉकी इंडिया के अध्यक्ष राजिंदर सिंह ने बयान में कहा, ''सरदार सिंह ने अच्छे और बुरे समय में अपने मजबूत दृढ़संकल्प का नमूना पेश किया। बतौर खिलाड़ी उनकी उपलब्धियां और उनका समर्पण उन्हें खेल का सच्चा दूत बनाता है।''
As veteran midfielder, @imsardarsingh8 of the Indian Men’s Hockey Team announced his retirement, join us in saying #ThankYouSardar for an inspirational career which gave us many memorable moments for Indian hockey fans to cherish.#IndiaKaGame pic.twitter.com/fMZiVoMA9c
— Hockey India (@TheHockeyIndia) September 14, 2018
उन्होंने कहा,''उन्होंने अपने प्रदर्शन से और बतौर कप्तान युवाओं की पीढ़ी को प्रेरित किया है। उन्होंने अगुवाई करते हुए 2014 एशियाई खेलों में टीम को शानदार जीत दिलायी। विश्व रैंकिंग में टीम को ऊपर पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा। ''उन्होंने कहा, ''हॉकी इंडिया उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिये बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनायें देना चाहेगी। ''सरदार ने गुरूवार को चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस में अपने संन्यास की अधिकारिक घोषणा की।
8 साल तक रहे भारत के कप्तानः
उन्होंने कहा कि मैंने ये फैसला चंडीगढ़ में अपने परिवार, हॉकी इंडिया और अपने दोस्तों से सलाह के बाद किया है, उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यही सही वो समय है जब हॉकी के बाद जिंदगी के बारे में विचार किया जाए। बता दें कि 32 वर्षीय सरदार सिंह ने 350 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत की नुमाइंदगी की है। वह 2008 से 2016 तक भारतीय टीम के कप्तान भी रहे।
भारत के शानदार खिलाड़ी रहे हैं सरदारः
बता दें कि सरदार ने अपने करियर का आगाज पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में किया था, और मिडफील्ड के वो शानदार खिलाड़ी थे। उनके शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें उन्हें 2012 में अर्जुन पुरस्कार और 2015 में पद्म श्री से नवाजा गया। ऐसे में उनके संन्यास की ये घोषणा वास्तव में हॉकी जगत और भारतीय प्रशंसकों के लिए एक धक्का है।