अध्यक्ष लिआंड्रो नेग्रे की अगुवाई में एफ़आईएच का एक प्रतिनिधिमंडल तीन दिन के भारत दौरे पर है. ये प्रतिनिधिमंडल 2010 हॉकी विश्व कप की तैयारियों का जायज़ा लेने भारत आया है.
हालांकि एफ़आईएच अध्यक्ष सुरक्षा और स्टेडियमों के निर्माण कार्यों से संतुष्ट हैं लेकिन उन्होंने ये स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय हॉकी को चलाने के लिए एकीकृत संस्था की ज़रूरत है, जो पुरुष और महिला हॉकी, दोनों पर ध्यान दे.
फ़ेडरेशन के अध्यक्ष नेग्रे ने कहा है कि उनके पास 2010 विश्व कप के लिए विकल्प मौजूद हैं.
नेग्रे ने गुरुवार को दिल्ली में कहा, "'मुझे लगता है कि मलेशिया तैयार है. क्योंकि उनके पास बड़े टूर्नामेंट कराने का अनुभव है. लेकिन ये एक विकल्प है. मुझे यक़ीन है कि ऐसा नहीं होगा. मुझे विश्व कप दिल्ली में होने से बहुत प्रसन्नता होगी."
मलेशिया है विकल्प 'मुझे लगता है कि मलेशिया तैयार है. क्योंकि उनके पास बड़े टूर्नामेंट करवाने का अनुभव है. लेकिन ये एक विकल्प है. मुझे यक़ीन है कि ऐसा नहीं होगा. मुझे विश्व कप दिल्ली में होने से बहुत प्रसन्नता होगी लिआंड्रो नेग्रे
'मुझे लगता है कि मलेशिया तैयार है. क्योंकि उनके पास बड़े टूर्नामेंट करवाने का अनुभव है. लेकिन ये एक विकल्प है. मुझे यक़ीन है कि ऐसा नहीं होगा. मुझे विश्व कप दिल्ली में होने से बहुत प्रसन्नता होगी |
जिस संवाददाता सम्मेलन में लिआंड्रो नेग्रे ये सब कह रहे थे, वहाँ भारतीय ओलंपिक संघ के सचिव रणधीर सिंह भी मौजूद थे. छह महीने में सब ठीक करने की चेतावनी पर उन्होंने कहा कि ओलंपिक संघ भी चाहता है कि जल्द से जल्द हॉकी इंडिया का गठन हो.
रणधीर सिंह ने कहा, "भारतीय ओलंपिक संघ ख़ुद भी भारतीय हॉकी को नहीं चलाना चाहता, संघ चाहता है कि जैसे बाक़ी खेल देश में फ़ेडरेशंस चला रहे हैं वैसे ही हॉकी भी चलाई जाए."
दरअसल इस समय भारतीय हॉकी को एक अस्थायी समिति चला रही है जिसका गठन भारतीय ओलंपिक संघ ने किया है.
अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ चाहता है कि ये अस्थायी व्यवस्था ख़त्म हो और एक लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी हुई संस्था इसकी जगह ले.