टोक्यो, 03 अगस्त। ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना भारतीय हॉकी टीम का एक बार फिर से अधूरा रह गया है। 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद पूरे देश को उम्मीद थी कि भारतीय टीम फाइनल में पहुंच सकती है लेकिन जिस तरह से बेल्जियम ने जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया उसके बाद भारत की गोल्ड की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। हालांकि अभी भी भारत के पास कांस्य पदक जीतने का मौका है और पूरी टीम इसी पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है कि कांस्य पदक को हर हालत में जीतना है।
पूरी ताकत लगाएंगे
टीम के स्टार खिलाड़ी मंदीप सिंह ने बेल्जियम के खिलाफ मैच में हार के बाद कहा कि यह निराशाजनक दिन था भारत के लिए लेकिन हम हार नहीं मानेंगे और कांस्य पदक जीतने की कोशिश करेंगे। बेल्जियम के खिलाफ मैच में टीम इंडिया की हार की बड़ी वजह थी 14 पेनाल्टी कॉर्नर लुटाना। बेल्जियम के खिलाड़ी एलेग्जेंडर हेंड्रिक्स ने इस मौके का जमकर फायदा उठाया और तीन पेनाल्टी शूटआउट को गोल में तब्दील किया।
हमारे पास कांस्य पदक जीतने का मौका
मैच में हार के बाद मंदीप सिंह ने कहा कि हम हार गए लेकिन हमारे पास अभी भी कांस्य पदक जीतने का मौका है, लिहाजा हमे उसकी तैयारी करनी होगी। हमने बहुत ही अहम मैच गंवा दिया है, हमने कुछ बड़ी गलतियां सर्कल के भीतर की और पेनाल्टी शूट दिए। हमारे पास एक दिन और एक मैच बाकी है, लिहाजा हमे अपना सर्वश्रेष्ठ देने की जरूरत है। हम एक दूसर को प्रेरित करेंगे और एक दूसरे की मदद करेंगे। वहीं मैच में हार के बाद गोल कीपर श्रजेश ने कहा कि विश्व चैंपियन के खिलाफ कतई मुकाबला आसान नहीं होने वाला था, हमने कुछ मौके गंवाए और वहीं मैच बदल गया।
सिंधु से सबक लेने की जरूरत
वहीं पूर्व कप्तान वीरेन रसकिन्हा ने कहा कि बेहतर टीम के खिलाफ हारने में कोई बुराई नहीं है, भारतीय टीम को एक बार फिर से खुद को संभालने की जरूरत है और पीवी सिंधु से सबक लेने की जरूरत है। कैसे सेमीफाइनल मुकाबले में हार के बाद वापसी की जाए। इस हार को भुलाकर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करके अगले मैच में कांस्य पदक जीतने की कोशिश करनी चाहिए। बता दें कि सिंधु ने सेमीफाइनल में हार के बाद चीन की ही बिंगजिआओ को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था।