रियो डी जेनेरियो। रियो ओलंपिक में अपना तीसरा मैच खेल रही भारतीय पुरुष हॉकी टीम का नीदरलैंड से मुकाबला हुआ। इसमें शुरुआती तीन राउंड के बाद स्कोर 1-1 रहने के बावजूद अंतिम क्वॉर्टर में भारत ने मैच 1-2 से गंवा दिया। अपने दूसरे पूल मैच में अर्जेंटीना को हराने के बाद जोश से भरपूर भारतीय पुरुष हॉकी टीम हाफ टाइम तक कोई गोल नहीं कर सकी थी। Twitter विवाद : शोभा डे ट्वीट मामले पर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने मिलाए अभिनव बिंद्रा के सुर में सुर
क्वॉर्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए भारतीय टीम का यह मैच जीतना बहुत जरूरी था। आपकों बता दें कि ओलंपिक के इतिहास में पहली बार हॉकी में 15 मिनट का एक क्वॉर्टर रखा गया है।
पहले क्वार्टर का खेल लगभग बराबरी का रहा। दोनों टीमों ने एक-दूसरे पर दवाब बनाने क लिए कई आक्रमण किए लेकिन डिफेंडरों ने उन्हें नाकाम कर दिया। ओवरआॅल देखें तो इसमें कोई भी गोल नहीं हुआ। रियो ओलंपिक : यह सेल्फी बनेगी इस महिला एथलीट के लिए सजा-ए-मौत की वजह, जानिए क्यों
दूसरे क्वार्टर में नीदरलैंड का आक्रमण काफी तेज था लेकिन कप्तान और गोलकीपर पी श्रीजेश ने दो बेहतरीन शॉट को रोक लिया। इसमें भारतीय डिफेंस की मजबूती दिखी और कोई भी गोल नहीं होने दिया।
तीसरे क्वॉर्टर में किस्मत भारत के खिलाफ रही। पेनल्टी कॉर्नर पर हॉफमैन रॉजियर ने 32वें मिनट में गोल दाग दिया। हालांकि, 38वें मिनट में भारत को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन रुपिंदर पाल की हिट गोल में नहीं बदल सकी।
इसके बाद उसी शॉट पर दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला और भारत के वीआर रघुनाथ ने इसे गोल में बदलकर स्कोर 1-1 कर दिया। भारत को इस क्वॉर्टर से पहले खत्म होते ही दो भारतीय प्लेयर्स को येलो कार्ड दिखा दिया गया। रियो ओलंपिक : बैडमिंटन में भारतीय महिलाओं ने किया निराश, हार से हुई शुरुआत
चौथे और फाइनल क्वॉर्टर में मुकाबला ठीक चलता रहा। दोनों तरफ से कोई गोल नहीं हुआ लेकिन अंतिम सेकंड में भारत को पांच पेनल्टी कॉर्नर लगातार मिले लेकिन इनमें से एक भी गोल में नहीं बदल सका। इस तरह से स्कोर नीदरलैंड के पक्ष में चला गया और वह 2-1 से मुकाबला जीत गई।