नयी दिल् zwj;ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात की शुरुआत की। इस बार मोदी के इस कार्यक्रम का केंद्र खेल और बेटियां रहीं। मोदी ने मन की बात की शुरुआत हॉकी से की। उन् zwj;होंने पहले हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद किया और फिर कहा कि कल हॉकी के जादूगर ध्यानचंद जी की जन्मतिथि है, यह दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि मोदी के मन की बात का यह 23वां संस्करण है। क् zwj;या कहा मोदी ने: #13; #13;कल हॉकी के जादूगर ध्यानचंद जी की जन्मतिथि है, यह दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। #13;मैं ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि देता हूं और इस अवसर पर आप सभी को उनके योगदान की याद भी दिलाना चाहता हूं। #13;ध्यानचंद जी स्पोर्ट्समैन स्प्रिट और देशभक्ति की एक जीती-जागती मिसाल थे। #13;ओलंपिक में हमें जो पदक मिले, बेटियों ने दिलाए। हमारी बेटियों ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी तरह से, किसी से भी कम नहीं हैं। #13;ललिता बाबर, विकास कृष्ण, अदिति अशोक, दत्तू भोकनल, अतुनदास जैसे कई नाम हैं, जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। #13;पदक न मिलने के बावजूद भी कई विषयों में पहली बार भारत के खिलाड़ियों ने काफी अच्छा करतब भी दिखाया है। #13;जब भी मन की बात का समय आता है, तो MyGov पर या NarendraModiApp पर अनेकों-अनेक सुझाव आते हैं। #13;5 सितम्बर को शिक्षक दिवस है। मैं कई वर्षों से शिक्षक दिवस पर छात्रों के साथ काफ़ी समय बिताता रहा हूं। #13;जीवन में जितना माँ का स्थान होता है, उतना ही शिक्षक का स्थान होता है। #13;ऐसे भी शिक्षक हमने देखे हैं कि जिनको अपने से ज़्यादा, अपनों की चिंता होती है। #13;कुछ बातें मुझे कभी-कभी बहुत छू जाती हैं और जिनको इसकी कल्पना आती हो, उन लोगों के प्रति मेरे मन में एक विशेष आदर भी होता है। #13;15 जुलाई को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में सवा-लाख से ज़्यादा विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से अपने-अपने माता-पिता को चिट्ठी लिखी। #13;उन्होंने अपने माँ-बाप से चिट्ठी लिख कर के कहा कि हमारे घर में Toilet होना चाहिए। #13;भारत सरकार ने पिछले दिनों 5 राज्य सरकारों के सहयोग के साथ स्वच्छ गंगा के लिये, गंगा सफ़ाई के लिये, लोगों को जोड़ने का एक सफल प्रयास किया। #13;इस महीने की 20 तारीख़ को इलाहाबाद में उन लोगों को निमंत्रित किया गया कि जो गंगा के तट पर रहने वाले गाँवों के प्रधान थे। #13;चार सितम्बर को मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किया जाएगा। मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन भारत में ग़रीबों की सेवा के लिए लगा दिया था। #13;क्यों न गाँव के तालाब की मिट्टी से बने हुए गणेश जी का उपयोग करें। इको फ्रेंडली गणेशोत्सव - ये भी एक समाज सेवा का काम है। #13;मुझे कई लोगों ने गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा को लेकर लिखा है और उनको पर्यावरण की चिंता हो रही है। #13;आपसे प्रार्थना है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह मिट्टी से बनी मूर्तियों का विसर्जन करें, पर्यावरण की रक्षा करें। #13; #13;कश्मीर में अगर कोई भी जान जाती है, चाहे वह किसी नौजवान की हो या किसी सुरक्षाकर्मी की हो, ये नुकसान हमारा है, अपनों का है, देश का ही है। #13;कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, उस कश्मीर की स्थिति के संबंध में, देश के सभी राजनैतिक दलों ने मिल करके एक स्वर से कश्मीर की बात रखी। #13;और कश्मीर के संबंध में मेरा सभी दलों से जितनी बातचीत हुई, हर किसी की बात में से एक बात ज़रूर जागृत होती थी। #13;अगर उसको मैंने कम शब्दों में समेटना हो, तो मैं कहूँगा कि एकता और ममता, ये दो बातें मूल मंत्र में रहीं। #13;स्वच्छ भारत हर भारतीय का सपना, आप भी स्वच्छता पर 2-3 मिनट फ़िल्म बनाकर सरकार को भेजें। #13;ऐसी फिल्मों की प्रतियोगिता में लोग शामिल हों। फ़िल्म के विजेता को 2 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा। #13;समस्याओं के समाधान के लिए कैसे रास्ते खोले जाते हैं, यही तो जनशक्ति है। #13;बेटी मल्लम्मा की ज़िद ये थी कि हमारे घर में Toilet होना चाहिए। #13;गाँव के प्रधान मोहम्मद शफ़ी, उनको पता चला कि मल्लम्मा ने Toilet के लिए सत्याग्रह किया है। #13;उन्होंने अठारह हज़ार रुपयों का इंतज़ाम किया और एक सप्ताह के भीतर-भीतर Toilet बनवा दिया। #13;ये बेटी मल्लम्मा की ज़िद की ताक़त देखिए और मोहम्मद शफ़ी जैसे गाँव के प्रधान देखिए। #13;कर्नाटक के कोप्पाल ज़िला, इस ज़िले में सोलह साल की उम्र की एक बेटी मल्लम्मा - इस बेटी ने अपने परिवार के ख़िलाफ़ ही सत्याग्रह कर दिया #13;Toilet बनाने की उन्होंने माँग की, कुछ बालकों ने तो ये भी लिख दिया कि इस साल मेरा जन्मदिन नहीं मनाओगे, तो चलेगा, लेकिन Toilet ज़रूर बनाओ। #13;पिछले दिनों एक 84 साल की मां ने मुझे चिट्ठी लिखी और कहा कि आपने जब गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी, तो मैंने गैस सब्सिडी छोड़ दी थी और भूल भी गई थी। #13;पिछले दिनों आपका एक प्रतिनिधि आया है मुझे एक धन्यवाद पत्र सौंपकर गया। मेरे लिए यह किसी पद्मश्री से कम नहीं है। #13;मैं एक रिटायर्ड टीचर हूं और कुछ दिनों में 90 साल की हो जाऊंगी। मैं आपको 50 हजार रुपये का डोनेशन भेज रही हूं। इसके जरिए आप अन्य माताओं-बहनों की मदद करें। #13; #13; #13;