नई दिल्ली। महिला हॉकी फारवर्ड नवनीत कौर का कहना है कि वह आगामी टोक्यो ओलंपिक खेलों में आगे बढ़कर नेतृत्व करेंगी। नवनीत काैर पहली बार टोक्यो में अपना दम दिखाती नजर आएंगी। 25 वर्षीय नवनीत ने कहा कि ओलंपिक में खेलना उनके लिए एक सपना रहा है और वह टोक्यो में अपने अनुभव को शानदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने कहा, "ओलंपिक में खेलना मेरा बचपन का सपना है और मैं इसे अद्भुत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगी। मेरे पास अनुभव है तो अब जिम्मेदारी भी मेरे पर आती है। मैंने पहले ही भारत के लिए 79 मैच खेले हैं और अब ध्यान नेतृत्व करने पर है। बेंगलुरू में राष्ट्रीय शिविर में टीम लगातार पसीना वहा रही है और हम टोक्यो में एक यादगार सफर करने जा रहे हैं।" इसके अलावा नवनीत ने अपने हॉकी करियर पर शाहाबाद मारकंडा के प्रभाव के बारे में बताया।
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नवनीत ने कहा, "मैं हरियाणा के एक छोटे से शहर शाहाबाद मारकंडा से आती हूं। शाहाबाद ने हॉकी के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। मेरी टीम की साथी रानी और नवजोत कौर ने शाहाबाद हॉकी अकादमी में भी ट्रेनिंग ली है। मुझे याद है जब मैं ब्राॅन्ज मेडल के साथ शाहाबाद वापस आई थी। 2013 में जर्मनी में जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में लोगों ने हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया। शाहाबाद में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे, लोग नाच रहे थे और जश्न मना रहे थे जैसे कि हम जीतकर आए हों।"
नवनीत ने कहा कि वह हमेशा हॉकी में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती थीं और राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करती हैं। उन्होंने कहा, "शुरुआत से, मुझे यकीन था कि मैं हॉकी खेलना चाहती हूं। मैंने 2014 में सीनियर इंडिया टीम के लिए डेब्यू किया। 2018 विश्व कप, एशिया कप, एशियाई खेलों और एशियाई खेलों में कुछ जबरदस्त प्रदर्शन के बाद प्रशंसकों ने हमारे प्रयासों की प्रशंसा करना शुरू कर दिया। मैं इस तरह की टीम का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करती हूं। यह टीम एक परिवार की तरह है। रानी और सविता मेरे साथ खेल को लेकर बातें करती रहती हैं। हम चर्चा करते हैं कि कैसे टीम के लिए मिलकर सुधार किया जा सकता है।''
नवनीत ने कहा कि भारतीय टीम को हर मैच के आखिरी मिनट तक लड़ने की आदत हो गई है। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में हमारी टीम की मानसिकता में बहुत कुछ बदल गया है। हम अब मजबूत विरोधियों से नहीं डरते। पहले, जब हम नीदरलैंड या ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ खेलते थे, तो हम घबराते थे। लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है, हमारी टीम अंतिम समय तक लड़ाई लड़ती है।