नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद एक दूसरे के लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाया है। उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में हॉकी डिप्लोमेसी को भी फिर से शुरू किया है।
पहली बार 2018 के बाद से पाकिस्तान की जूनियर हॉकी टीम शनिवार को दिल्ली पहुंची। यह टीम जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में भाग लेने के लिए आई है। विश्व कप भुवनेश्वर में 24 नवंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक चलेगा।
पिछली बार 2018 में पाकिस्तान की हॉकी टीम भारत आई थी। वह सीनियर टीम थी। इससे पहले वे चैम्पियंस ट्रॉफी में 2014 में भारत का दौरा कर चुकी है।
पिछले कुछ समय से दोनों देशों के संबंध कुछ बिगड़े रहे हैं। साल 2016 के वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के जूनियर खिलाड़ियों को वीजा नहीं दिया गया था। यह वही साल है जब पठानकोठ में वारदात हुई थी और बाद में उरी में हमला हुआ था, जिसके बाद भारत ने सितंबर में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
डेब्यू मैच में ही विंडीज खिलाड़ी के साथ हुआ हादसा, गेंद लगने के बाद स्ट्रेचर पर गया अस्पताल
2019 में पाकिस्तान की शूटिंग टीम ने दिल्ली वर्ल्ड कप को मिस किया था क्योंकि खिलाड़ियों को वीजा नहीं दिया गया था। तब पुलवामा हमला हुआ था। पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा नहीं देने का मामला इंटरनेशनल लेवल पर अच्छे से नहीं गया और भारत की किरकरी हुई जिसके बाद भारत को इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के सामने लिखित भरोसा देना पड़ा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा देने से रोका नहीं जाएगा। इस बार पाक खिलाड़ियों को वीजा दिया गया है।
पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक ने दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर पाकिस्तान पुरुष जूनियर हॉकी टीम के सदस्यों की अगवानी की। पाकिस्तान उच्चायोग के चार्ज डी अफेयर्स आफताब हसन खान ने भी शनिवार को उनके सम्मान में लंच भी होस्ट किया।
एक पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा, "वे पूरी तरह से तैयार हैं और जोश में हैं, मैचों के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार हैं।"