नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के सम्मान में 'खेल रत्न' पुरस्कार का नाम बदलने से 'करोड़ों युवाओं' को प्रेरणा मिलेगी। यह पुरस्कार मूल रूप से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था।
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राष्ट्रव्यापी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के दूसरे चरण के शुभारंभ के बाद महोबा में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने बुंदेलखंड के रहने वाले 'ध्यानचंद' को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा, "आज हम सभी मेजर ध्यानचंद यानी कि बुंदेलखंड के हमारे दद्दा ध्यानचंद को याद कर रहे हैं। देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार है। मुझे विश्वास है कि दद्दा का यह नाम खेल के साथ जुड़ा रहेगा और करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देगा।''
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प्रधानमंत्री ने कहा, "इस बार हमने देखा है कि हमारे खिलाड़ियों ने न केवल पदक जीते हैं, बल्कि कई खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर हमें भविष्य का संकेत भी दिया है।" शुक्रवार को मेजर ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार का नाम बदलने की घोषणा करते हुए मोदी ने कहा था कि उन्हें इस संबंध में देश भर के लोगों से कई अनुरोध मिल रहे हैं। मेजर ध्यानचंद को व्यापक रूप से फील्ड हॉकी में सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। 1926 से 1949 तक के अपने करियर में, उन्होंने 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक पदक जीते। उनकी जयंती के उपलक्ष्य में 29 अगस्त को देश का राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।