नई दिल्ली। खेल से जुड़े भारतीय सितारों के लिए आज का दिन बहुत बड़ा है, क्योंकि 29 अगस्त को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था। 1905 में इलाहाबाद में जन्मे ध्यानचंद की याद में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। ध्यानचंद की यह 114वीं जयंती है। इसी दिन सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न के अलावा अर्जुन, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार आदि दिए जाते हैं। वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी याद में 'फिट इंडिया' मूवमेंट की शुरुआत की।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद के रूप में देश को एक महान स्पोर्ट्स पर्सन मिले थे। मोदी ने दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 'फिट इंडिया' मूवमेंट की शुरुआत करते हुए कहा, ''बैडमिंटन हो, टेनिस हो, एथलेटिक्स हो, बॉक्सिंग हो, कुश्ती हो या फिर दूसरे खेल, हमारे खिलाड़ी हमारी उम्मीदों और आकांक्षाओं को नए पंख लगा रहे हैं। स्पोर्ट्स का सीधा नाता है फिटनेस से, लेकिन आज जिस फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत हुई है, उसका विस्तार स्पोर्ट्स से भी आगे बढ़कर है। फिटनेस एक शब्द नहीं है बल्कि स्वस्थ और समृद्ध जीवन की एक जरूरी शर्त है।''
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ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। तीनों ही बार भारत ने गोल्ड मेडल जीता। फिट इंडिया मूवमेंट के दौरान मोदी ने कहा, '' ध्यानचंद ने अपनी फिटनेस, स्टेमिना और हॉकी से दुनिया को मंत्र मुग्ध कर दिया था। मैं उन्हें नमन करता हूं। आज के दिन फिट इंडिया मूवमेंट जैसा पहल लॉन्च करने के लिए, हेल्दी इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए मैं खेल मंत्रालय और युवा विभाग को बहुत बहुत बधाई देता हूं।आज का ये दिन हमारे उन युवा खिलाड़ियों को बधाई देने का भी है, जो निरंतर दुनिया के मंच पर तिरंगे की शान को नई बुलंदी दे रहे हैं।''
पीएम ने कहा, ''समय कैसे बदला है, उसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं. कुछ दशक पहले तक एक सामान्य व्यक्ति एक दिन में 8-10 किलोमीटर पैदल चल ही लेता था. फिर धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी बदली, आधुनिक साधन आए और व्यक्ति का पैदल चलना कम हो गया. अब स्थिति क्या है? टेक्नोलॉजी ने हमारी ये हालत कर दी है कि हम चलते कम हैं और अब वही टेक्नोलॉजी हमें गिन-गिन के बताती है कि आज आप इतने स्टेप्स चले, अभी 5 हजार स्टेप्स नहीं हुए, 2 हजार स्टेप्स नहीं हुए, अभी और चलिए।''
उन्होंने आगे कहा कि भारत में डाइबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं, आजकल हम सुनते हैं कि हमारे पड़ोस में 12-15 साल का बच्चा डाइबिटिक है. पहले हम सुनते थे कि 50-60 की उम्र के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है, अब 35-40 साल के युवाओं को हार्ट अटैक आ रहा है। समय कैसे बदला है, उसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं, कुछ दशक पहले तक एक सामान्य व्यक्ति एक दिन में 8-10 किलोमीटर पैदल चल ही लेता था,फिर धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी बदली, आधुनिक साधन आए और व्यक्ति का पैदल चलना कम हो गया।