नई दिल्ली। भारतीय हॉकी स्टार सरदार सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि हॉकी में अपने प्रदर्शन से निराश होने पर उन्हें इस निराशा से कौन बाहर निकालता था। ऑस्ट्रेलिया में इस साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरन जब उन्हें नजरएअंदाज किया गया तो वह निराश थे और उनकी वापसी क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने कराई।
हाल ही में संन्यास लेने वाले हॉकी के स्टार खिलाड़ी सरदार सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जब उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान टीम में नहीं चुना गया तो उन्होंने सचिन तेंदुलकर से फोन पर बात की और सचिन से जानना चाहा कि जब वह शून्य पर आउट हो जाते थे तो निराशा के दबाव से कैसे बाहर निकलते थे।
सरदार के मुताबिक, मैं जब दबाव में होता था तो सचिन पाजी को फोन करता था। उन्होंने मेरी काफी मदद की। वह मेरी क्लास लेते थे। वह कभी फोन नहीं रखते थे। मुझे समझाते थे कि कैसे आलोचकों और आलोचनाओं से निपटना है। वह हमेशा अपने खेल पर ही ध्यान लगाने की कहते थे।उनके अलावा धनराज पिल्लाई ने भी मेरा काफी साथ दिया।
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भारतीय खिलाड़ी सरदार सिंह ने बताया कि आने वाले कल में यूरोपियन क्लबों में वह हॉकी स्टिक थामे दिख सकते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से वह भारत को विदेश से बेस्ट कोच दिला पाएंगे।
हरियाणा के सिरसा जिले में किसान परिवार से आने वाले सरदार सिंह ने जूनियर टीम में 2003-2004 में पोलैंड के खिलाफ अपने करियर का आगाज किया। इसके बाद अजलान शाह कप में पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। इस टूर्नामेंट में उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवार्ड मिला। इसके अलावा वह हॉकी के एशियन मेन प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए।
32 साल के इस खिलाड़ी ने एशियन गेम्स अपने प्रदर्शन से नाखुश होने की वजह से हॉकी से संन्यास ले लिया। सरदार को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार ,पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका है और फिलहाल वह हरियाणा पुलिस में डेप्यूटी सुप्रीटेंडेंट के पोस्ट पर कार्यरत हैं।