पहले ही मिनट में भारत ने दागा गोल
भारतीय टीम ने इस पूरे क्वार्टर में शानदार डिफेंस और अटैक का कॉम्बिनेशन दिखाया और अर्जेंटीना की टीम को बैकफुट पर रखा। हालांकि अर्जेंटीना की टीम ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत भारतीय प्लान के साथ की और भारतीय महिला टीम की तर्ज पर अटैक शुरू किया। इसका फायदा अर्जेंटीना को पहले ही मिनट में मिल गया। अर्जेंटीना की महििला हॉकी टीम ने दूसरे क्वार्टर के पहले मिनट में भारत के खिलाफ पेनाल्टी कॉर्नर हासिल कर गोल दागा और स्कोर बराबर कर दिया।
बराबरी का गोल होने के बाद भारतीय महिला टीम थोड़ा सा घबरा गई और ऐसा लगा जैसे वो अपना प्लान भूल गई हो, हालांकि 5 मिनट के खेल के बाद भारतीय महिला टीम ने फिर से खुद को एकजुट किया और अर्जेंटीना पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। नतीजन भारत के लिये सलीमा टेटे ने 11वें मिनट में दूसरा पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किया, हालांकि इस बार गुरजीत कौर अर्जेंटीना के डिफेंस को भेद पाने में नाकाम रही और गोल नहीं कर सकी। भारतीय टीम को इसी दौरान तीसरा पेनाल्टी कॉर्नर भी मिला लेकिन गेंद को रोकने के बाद गुरजीत कौर से बड़ी गलती हुई और शॉट लगाते हुए उनकी हॉकी स्टिक फिसल गई और भारत ने फिर से बढ़त का मौका गंवा दिया।
गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा
अर्जेंटीना की टीम ने दूसरे क्वार्टर के आखिरी मिनटों में सुशीला देवी से गलती कराकर तीसरा पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन सविता पुनिया ने बचाव कर अर्जेंटीना को बढ़त लेने से रोक दिया। ओलंपिक जैसे बड़े स्टेज पर किसी भी टीम के लिये फाइनल में जगह बनाने के लिये बड़े मैचों का अनुभव होना जरूरी है और दूसरे क्वार्टर में भारतीय महिला टीम के पास उसी की कमी नजर आई।
भारतीय महिला टीम तीसरे क्वार्टर में वेट एंड वॉच की रणनीति से खेलती नजर आई लेकिन उसे इस प्लान का खामियाजा भुगतना पड़ गया। चौथे मिनट में अर्जेंटीना की टीम ने चौथा पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किये जिसे भारत सेव करने में कामयाब तो रहा लेकिन अगले ही मिनट 5वां पेनाल्टी कॉर्नर दे डाला। भारतीय महिला टीम के लिय कॉर्नर परेशानी लेकर आया जिसे गोल में तब्दील कर अर्जेंटीना की कप्तान ने बढ़त को 2-1 कर दिया। इस गोल के लिये अंपायर ने रेफरल लिया लेकिन फैसला अर्जेंटीना के पक्ष में आया।
ब्रॉन्ज मेडल के लिये ग्रेट ब्रिटेन से होगा सामना
इसके बाद से अर्जेंटीना की टीम ने लगातार भारतीय टीम की कोशिशों को रोकने का काम किया और आखिरी मिनट तक बढ़त को बरकरार रख फाइनल का टिकट कटाया। भारतीय महिला टीम ने चौथे क्वार्टर में वो खेल दिखाया जो वो अगर तीसरे या दूसरे क्वार्टर में दिखाती तो शायद नतीजा कुछ और होता। मैच के खत्म होने से 17 सेकेंड पहले भारतीय टीम ने दूसरे गोल का मौका बनाया लेकिन गेंद को विरोधी टीम के नेटस में डालने में नाकामयाब रही।
भारतीय टीम ने अपने हॉकी के इतिहास के सबसे जरूरी मैच में नायकों वाला खेल दिखाया और बता दिया है कि महिला टीम का भविष्य उज्जवल है। भारतीय टीम ने 3 हार के साथ टूर्नामेंट का आगाज किया लेकिन पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही। अब भी भारतीय टीम का ओलंपिक में पदक जीतने का सपना बरकरार है, हालांकि उसके लिये उसे ब्रॉन्ज मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। ग्रेट ब्रिटेन पहले भी इस टूर्नामेंट में भारत को मात दे चुका है लेकिन ऐसे शानदार सेमीफाइनल मैच के बाद भारतीय महिला टीम एक नये रूप में खेलती नजर आयेगी।