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1936 ओलंपिक में खेली थी 'भारत की अब तक की बेस्ट स्पोर्ट्स टीम', ध्यानचंद की अगुवाई में लगी गोल्ड की हैट्रिक

नई दिल्लीः किसी भी खेल में भारत की अब तक की बेस्ट स्पोर्ट्स टीम कौन ही हो सकती है? यहां पर क्रिकेट विश्व कप 1983 पर बात चली जाएगी, या फिर धोनी की अगुवाई में तीन विश्व खिताब जीतने वाली टीम इंडिया पर या फिर ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर लगातार दो बार हराने वाली मौजूदा क्रिकेट टीम पर, लेकिन इनमें से किसी भी टीम को इंडिया की ऑल-टाइम बेस्ट टीम नहीं कहा जा सकता। जब बात बेस्ट की आती है तो हमको आजादी से पहले का इतिहास खंगालना होता है और तब हाथ में हॉकी लिए मेजर ध्यानचंद की तस्वीर किसी स्पोर्ट्स गॉड की तरह दिमाग में उतर जाती है। हॉकी के जादूगर की कप्तानी के तहत जिस भारतीय टीम ने 1936 ओलंपिक में गोल्ड जीता था उसको कई लोगों द्वारा देश की महानतम खेल टीम का पदवी दी जाती है।

ध्यानचंद की अगुवाई में भारत की 22 सदस्यीय टीम बर्लिन ओलंपिक में खेलने के लिए उतरी थी। उस ओलंपिक में ध्यानचंद और जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर से जुड़ी कुछ किवदंतियां भी शामिल हैं। यह उनका तीसरा ओलंपिक था और तीनों में ही भारत ने गोल्ड जीता। बर्लिन ओलंपिक में फील्ड हॉकी इवेंट 4 अगस्त से शुरू होकर 15 अगस्त तक चला। इस दौरान भारतीय टीम ने 38 गोल किए और केवल 1 ही गोल उनके खिलाफ किया जा सका। इसी से टीम की करामात का पता चलता है।

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11 टीमों के इस हॉकी ओलंपिक इवेंट में भारत ग्रुप ए में था और उसने अपनी सभी मैच जीते, जिसमें जापान, हंगरी, यूनाइटेड स्टेट जैसी टीमों को मात दी गई। फिर सेमाफाइनल मैच में फ्रांस को 10-0 से मात दी गई और फाइनल मुकाबले में जर्मनी को 8-1 से हराया गया। यह लगातार तीसरा ओलंपिक गोल्ड था जो हॉकी में भारत के खाते में आया। फाइनल मैच में ध्यानचंद जर्मन गोलकीपर से टकरा गए थे और उनका दांत टूट गया था लेकिन वे फिर वापस आए और जर्मनी को हराने में मदद की। ध्यानचंद ने इस ओलंपिक को 11 गोल के साथ समाप्त किया।

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भारत की यह टीम ऐसी थी जिसने जर्मन तानाशाह हिटलर को भी अपने खेल के सम्मोहन से मुग्ध कर दिया था। कई खेल पंडित इस टीम की फॉरवर्ड लाइन को महानतम के तौर पर काउंट करते हैं जिसमें ध्यानचंद के छोटे भाई रूप सिंह भी थे। अहमद शेर खान और सैयद मोहम्मद जाफर जैसे लीजेंड थे। बताया जाता है ध्यानचंद के खेल से हिटलर इतना इंप्रेस हुआ था कि उसने उनको जर्मन आर्मी में कर्नल का पद ऑफर किया था जिसको ध्यानचंद से विनम्रता से अस्वीकार कर दिया था। ध्यानचंद का कद हॉकी में वही है जो फुटबॉल में पेले, क्रिकेट में डोनाल्ड ब्रेडमैन का है।

Story first published: Sunday, June 27, 2021, 16:19 [IST]
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