टोक्यो : भारतीय महिला हाॅकी टीम का टोक्यो ओलंपिक में जलवा जारी है। टीम ने सोमवार को हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में तीन बार की गोल्ड मेडलिस्ट रही आस्ट्रेलियाई टीम को हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है। भारतीय महिलाएं पहली बार ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने में सफल हुई हैं।
मैच के 22वें मिनट में भारतीय ड्रैग फ्लिकर गुरजीत काैर ने पेनाल्टी कार्नर पर सटीक गोल करते हुए स्कोर को 1-0 किया, जो टोक्यो 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महज दूसरा गोल रहा।
200 मीटर के सेमीफाइनल में जगह बनाने फेल दुती चंद, आखिरी पायदान पर रहीं
भारतीय महिलाओं ने पहले क्वार्टर में ही आस्ट्रेलिया पर दवाब बना दिया था। फिर दूसरे क्वार्टर नें गोल होने के बाद खिलाड़ियों ने विरोधियों को वापसी करने का कोई माैका नहीं दिया। पूरे मैच में आस्ट्रेलिया ने 7 बार पेलन्टी काॅर्नर हासिल किए, लेकिन वह गोल करने में नाकाम रहीं। पहले हाफ में पिछड़ी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने तीसरे क्वार्टर में अब तक आक्रामक रुख दिखाया। इसके चलते उन्हें मैच के 34वें मिनट में दो लगातार पेनाल्टी कार्नर भी हासिल हुए लेकिन भारतीय गोलकीपर सवीता पूनिया ने गोल होने नहीं दिया। तीसरे-चाैथे क्वार्टर में आस्ट्रिलिया की खिलाड़ियों को गोल करने का माैका नहीं मिल सका। यह आस्ट्रेलिया को बड़ा झटका है, क्योंकि वह सबसे मजबूत टीम मानी जा रही थी। लेकिन भारतीय महिलाओं ने उनका मेडल जीतने का सपना तोड़ इतिहास रच दिया है।
ओलिंपिक में महिला हॉकी की शुरुआत 1980 में हुई थी। उस समय टीम का सफर चाैथे स्थान पर रहकर समाप्त हुआ था और मेडल जीतने से बस एक स्थान से जीतने से चूक गया था। इसके बाद 36 साल बाद भारतीय महिला हॉकी टीम ने 2016 के रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया, लेकिन टीम सबसे नीचले पायदान पर रही थी। हालांकि इस बार टीम कुछ अलग करती नजर आ रही है। अब टीम सेमीफाइनल में जीत दर्ज कर मेडल पक्का करना चाहेगी।