तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

Tokyo Olympics : लड़कों के साथ खेलती थी सविता पूनिया, पिता ने कहा- बेटियां कुछ भी कर सकती हैं

नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने टोक्यो ओलंपिक में सेमीफाइन में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है। भारत ने तीन बार की गोल्ड मेडलिस्ट ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर मेडल जीतने की उम्मीद रखी। एकमात्र गोल 22वें मिनट में भारतीय ड्रैग फ्लिकर गुरजीत काैर ने पेनाल्टी कार्नर पर किया जो अंत तक जीत तय कर गया। महिला टीम ने चारों क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया पर अपना दबदबा बनाए रखा, लेकिन टीम की जीत में गोलकीपर सविता पूनिया का भी रहा, जिन्होंने 7 पेनल्‍टी कॉर्नर रोकते हुए आस्ट्रेलिया का सपना चकनाचूर किया।

मैरी कॉम की हार से रोने लगी बच्ची, मुक्केबाज ने दिया दिल छूने वाला रिएक्शनमैरी कॉम की हार से रोने लगी बच्ची, मुक्केबाज ने दिया दिल छूने वाला रिएक्शन

लड़कों के साथ खेलती थी सविता पूनिया

लड़कों के साथ खेलती थी सविता पूनिया

सविता ऑस्ट्रेलिया के सामने एक दीवार बनकर खड़ी हो गईं थी। उन्होंने टीम की तरफ से सबसे ज्यादा योगदान दिया। अगर यह कहें कि जीत में सबसे बड़ा रोल सविता का रहा तो गलत नहीं। अगर ऑस्ट्रेलिया पेनल्टी में 7 में से 2 या 3 गोल करने में भी सफल हो जाता था तो भारत के लिए मैच जीतना बेहद मुश्किल हो जाता था, लेकिन यह सविता ही थीं जिन्होंने उनकी हर कोशिश को नाकाम कर दिया। ड्रैग फ्लिक शॉट रोकने के लिए सविता ने लड़कों के साथ खूब अभ्यास किया था। इसका खुलासा सविता के पिता महेंद्र सिंह पूनिया ने किया। उन्होंने कहा कि समय मिलने पर सविता लड़कों के साथ खेलकर प्रैक्टिस करती थी। लड़के पावर के साथ ड्रैग फ्लिक शॉट मारते थे, उन्हें रोकने के लिए काफी ताकत लगानी पड़ती थी।

खुशी में झूमा पूरा परिवार

खुशी में झूमा पूरा परिवार

सविता जब मैच में भारत को जीत दिलाने के लिए जान लगा रहीं थी जब उनका परिवार भी लाइव मैच देख रहा था। हरियाणा के सिरसा जिले के गांव जोधकां में सविता के पिता महेंद्र सिंह पूनिया, मां लीलावती, दादी उमा देवी, भाई अशोक, बहन किरण व मंजू, भतीजे रवि सिंह ने मैच का आनंद उठाया। टीम की जीत पर पूरा परिवार खुशी में झूम उठा। उन्होंने मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की। बेटी के प्रदर्शन पर पिता महेंद्र ने कहा, ''पूरी टीम ने अच्छा खे दिखाया। बेटी सविता जैसे ही पेनल्टी रोक रही थी इससे टीम को काफी फायदा पहुंचा। बेटियों को लोग बेटों की तरह ही प्यार दें तो बेटियां बहुत कुछ कर सकती है।''

पहले फुल बैक खेलती थी सविता

पहले फुल बैक खेलती थी सविता

2018 में हॉकी के लिए अर्जुन पुरस्कार हासिल कर चुकीं सविता पुनिया टीम की उपकप्‍तान भी हैं। उनके कोच आजाद सिंह मलिक ने बताया कि सविता पहले फुल बैक खेलती थी, तब पुराने कोच सुंदर सिंह खर्ब ने सविता को खेलते हुआ देखा और उसे कहा कि तुम गोल कीपर ज्यादा अच्छी बन सकती हो। फिर तभी से सविता की सफलता का दौर शुरू हो गया। सविता ने इंडिया टुडे को बताया, "रियो में हमारा अनुभव बहुत अच्छा नहीं था। बड़े टूर्नामेंट में खेलने का अनुभव सीमित था।" सविता ने कहा, "रियो अतीत की बात हो गई थी और हमारा लक्ष्य टोक्यो से पदक जीतकर वापसी करना है। इस टीम को अपने आप पर भरोसा है। यह टीम किसी भी बड़ी टीम को हरा सकती है। अब हमारे मन में कोई डर नहीं बचा है।"

Story first published: Monday, August 2, 2021, 13:58 [IST]
Other articles published on Aug 2, 2021
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X