नई दिल्ली। एशियन गेम्स भारतीय महिला टीम को हराने वाली टीम ईरान की कोच की कहानी दिलचस्प है। भारत के एकक्षत्र राज को खत्म करने के पीछे भी भारतीय महिला का हाथ है। ईरान की कोच भारतीय मूल की शैलजा जैन खेल को लेकर इतनी जुनूनी थी कि अपने 9 माह की बच्ची को स्तपान तक कराना छोड़ देती थी। दो साल पहेल शैलजा के दिमाग में यह बात आई कि उनकी भारतीय नागरिता उन्हें भारत के अलावा किसी अन्य देश में भी नई इबारत लिखने से नहीं रोक सकती।
शुक्रवार को फाइनल में भारतीय टीम उन्हें खलनायिका के तौर पर देख रही थी। शैलजा खुद कहती है कि हैं कि वह इस ऐतिहासिक क्षण में भारत की भी मदद कर सकती थीं लेकिन भारतीय टीम का रवैया काफी निराशाजनक था वो उन्हें भारत के खिलाफ बड़े गुनहगार के तौर पर देख रही थीं। महाराष्ट्र की रहने वाली शैलजा बताती है कि वह ईरान के कुछ इस्लामिक नियमों को लेकर चिंतित थी लेकिन उन्हें वहां सब कुछ मन मफिक मिला।पहनावे को लेकर बंदिशें हैं लेकिन उन्हें सलवार सूट के साथ ओढ़नी लेने की आजादी है।
शैलजी बताती है कि वह भारत में भी कोचिंग दे सकती हैं लेकिन बिना की दखलअंदाजी के।ईरान की टीम में वहीं 12 सदस्यीय टीम उतरती है जिसका चुनाव कर वह अंतिम समय में हस्ताक्षर करती हैं। नागपुर में जन्मी शैलजा ने खो-खो कबड्डी जैसे खेल खेलते और देखते बड़ी हुईं उनकी शादी एक मध्यवर्गीय परिवार के शख्स से हुई उनके पति ने उन्हें कबड्डी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके पिता के पैसों की मदद की और उन्होंने ने राष्ट्रीय खेल संस्था में ट्रेनिंग के बाद लगभग 300 राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया। 2014 में वह वहां से रिटायर हुईं। ईरान की उन पर नजर थी।दशकों पहले उनके एक साक्षात्कार से ईरान की टीम उनको कोच बनाना चाहती थी।
शैलजा को पसंद है ईरान की लड़कियां:
शैलजा को ईरान की लड़कियां पसंद हैं उनकी फिटनेस और अनुशासन उन्हें लुभाता है।शैलजा ने बताया, "मैच या अभ्यास से पहले टीम मैट को माथे से लगाती हैं। उन्होंने ये आदत अपना ली है। इसमें कोई धार्मिक नजरिया नहीं है। वे ऐसा सम्मान देने के लिए करती हैं। मैं भी ग्राउंड में जाने से पहले उसे माथे से लगाती हूं। ये उसके प्रति सम्मान जताने के लिए होता, जिसने हमें जीवन में सबकुछ दिया। इन लड़कियों ने ये मुझसे ही सीखा और अब वे भी ऐसा ही करती हैं।
शैलजा कहती हैं कि उन्हें भारत को ट्रेनिंग देने में कोई गुरेज नहीं है।वह अब चैंपियन कबड्डी टीमकी कोच हैं लेकिन वह भारत से प्यार करती हैं भारत उनका देश है।और उन्हें कबड्डी से भी प्यार है।