अमेरिका। भारत इस बार रियो ओलंपिक में गोल्ड मेडल भले ही न जीता हो तो लेकिन भारत की एक 100 वर्षीय बुजुर्ग एथलीट ने सात समंदर पार गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रौशन किया है। यहां बात हो रही है भारतीय धावक मान कौर की। इन्होंने सोमवार को अमेरिकन मास्टर्स गेम्स में अपनी एज कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता है।
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उन्होंने वैंकूवर शहर में हुए इवेंट में जैसे ही फिनिश लाइन को पार किया, वैसे ही उनकी प्रतिद्वंदियों ने उनके लिए चीयर आप करना शुरू कर दिया। ये सभी 70-80 वर्ष की उम्र के बीच की थीं। उन्होंने 100 मीटर की इस रेस को एक मिनट 21 सेकंड में पूरा किया।
अमेरिकन मास्टर्स गेम्स विशेषतौर पर 30 वर्ष से अधिक उम्र वाले एथलीटों के लिए आयोजित कराया जाता है। मान कौर जैसे ही इवेंट में हिस्सा लेने आईं, वैसे ही वहां मौजूद लोग उनके लिए तालियां बजाने लगे। सभी उनकी एनर्जी और लड़ने की इच्छाशक्ति से प्रेरित हो रहे थे।
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1600 मीटर की रिले में 1984 ओलंपिक का सिल्वर मेडल अपने नाम करने वाली कारमेन क्रुक्स इन मास्टर्स गेम्स की एथलीट एंबेसडर थीं। वह पांच बार की ओलंपियन रह चुकी हैं। उन्होंने मान कौर की प्रतिभा की तारीफ की। उन्होंने मान के बारे में कहा कि ये हम सभी की प्रेरणस्त्रोत हैं।
इस इवेंट में मान कौर के 78 वर्षीय बेटे गुरुदेव सिंह भी प्रतिभाग कर रहे थे। उनके मुताबिक, मान कौर जब कभी भी इवेंट में जीतती हैं तो वह भारत लौटकर सभी को अपने मेडल और जीत के बारे में बड़े उत्साह से बताती हैं।
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मान कौर ने 93 वर्ष की उम्र से दौड़ना शुरू किया और इसके लिए उनके बेटे गुरुदेव सिंह ने उन्हें मनाया। उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बुजुर्ग महिलाओं को अपनी क्षमता से प्रेरित करती आ रही हैं।
दुनियाभर के मास्टर्स खेलों में मान कौर अब तक 20 मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। विश्व मास्टर्स गेम्स हर 4 साल में आयोजित होते हैं।