वर्ष 2004 में शुरू किए गए इस सम्मान को पाने वालों में आस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग, आस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वार्न, इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ, श्रीलंका के स्पिनर मुथैया मुरलीधरन और दक्षिण अफ्रीका के हरफनमौला खिलाड़ी जैक्स कैलिस जैसे दिग्गज शामिल रहे हैं।लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द वर्ल्ड सम्मान पाने की दौड़ में सहवाग को दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ को टक्कर देनी थी लेकिन विजडन ने यह कहते हुए सहवाग को इस सम्मान से नवाजने का फैसला किया कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज की भूमिका को एक नया स्वरूप दिया है।विजडन के मुताबिक सहवाग ने अपने अब तक के करियर के दौरान बिल्कुल जुदा शैली में बल्लेबाजी की है। विकेट पर आते ही गेंदबाजों पर टूट पड़ने की उनकी शैली भारतीय टीम के लिए काफी कारगर रही है। इससे पहले किसी सलामी बल्लेबाज ने टेस्ट मैचों में इतनी तेजी से रन नहीं बटोरे हैं लेकिन सहवाग ने नियमित आधार पर यह कारनामा किया है।विजडन का मानना है कि कैलेंडर वर्ष में टेस्ट मैचों के दौरान प्रति 100 गेंद 85 रन बटोरना आसान काम नहीं लेकिन सहवाग ने बड़ी आसानी से इतने रन बटोरे हैं। विजडन का मानना है कि एकदिवसीय मैचों में प्रति 100 गेंद 120 रन बटोरने की सहवाग की क्षमता उन्हें दूसरे बल्लेबाजों से अलग करती है।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।