महेंद्र सिंह धौनी के धुरंधरों से सभी को भारी उम्मीदें थीं लेकिन शायद इन उम्मीदों में इतना वजन हो गया था कि भारतीय शूरमा इसको सहन न कर पाए। नतीजतन सिर्फ और सिर्फ मायूसी हाथ लगी। कागज पर बेहद ही मजबूत दिखने वाला भारत का बल्लेबाजी क्रम लॉर्ड्स में बाउंसर के सामने नतमस्तक नजर आया। हर भारतीय बल्लेबाज विपक्षियों पर नहीं बल्कि मानो खुद के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच रहा था।सुपर-8 मुकाबले के इस मैच मेजबान इंग्लैंड के हाथों मिली हार अप्रत्याशित तो नहीं थी लेकिन उम्मीदों के उलट जरूर थी। इंग्लैंड ने निवर्तमान ट्वेंटी-20 विश्व चैंपियन भारत को तीन रनों से हरा दिया। भारत को जीत के लिए 154 रन बनाने का लक्ष्य मिला था लेकिन वह यहां तक पहुंचने में असफल रहा। भारत का कोई भी बल्लेबाज पूरी लय में नहीं दिखा। भारतीय टीम निर्धारित 20 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 150 रन ही बना सकी।इससे पहले भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने 20 ओवरों में सात विकेट पर 153 रनों का स्कोर खड़ा किया। इसमें केविन पीटरसन के महत्वपूर्ण 46 रन भी शामिल थे। मैच में दो विकेट झटकने वाले रेयान साइडबॉटम को मैन ऑफ द मैच चुना गया।इस हार से भारत के क्रिकेट प्रेमियों को होने वाले दर्द का अहसास शायद धौनी को भी है। इसीलिए उन्होंने मैच के बाद भारतीय प्रशंसकों से माफी मांगी। मैच हारने के बाद धौनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, जो हुआ हम उसके लिए माफी चाहते हैं लेकिन हम सबने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया था। हमारे पास अनुभवी खिलाड़ी थे जो स्थिति को संभाल सकते थे लेकिन आज हमारे पक्ष कुछ भी नहीं रहा।भारतीय कप्तान ने कहा, भारत एक भावुक देश है। हम प्रशंसकों से कहीं ज्यादा दुखी हैं। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलने की वजह से भारतीय खिलाड़ी थके हुए थे।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।*